1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

अमेरिका में चेचक के वायरस मिले

१० जुलाई २०१४

अमेरिका के एक सरकारी गोदाम में चेचक के वायरस से भरी छोटी शीशियां मिली हैं. सरकारी जांचकर्ता पता कर रहे हैं वायरस की शीशियां राजधानी के निकट स्थित फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के स्टोर में कैसे पहुंचीं.

https://p.dw.com/p/1CZ2X
तस्वीर: picture-alliance/dpa

चेचक अत्यंत संक्रामक और घातक बीमारी है और इसका कोई इलाज नहीं है. लेकिन विश्वव्यापी टीका अभियान के बाद पूरी दुनिया में इसका सफाया हो चुका है. एक अनुमान के अनुसार इस बीमारी से 20वीं सदी में 30 करोड़ लोगों की जान गई. अमेरिका में चेचक का आखिरी मामला 1949 में सामने आया था जबकि दुनिया का अंतिम मामला सोमालिया में 1977 में आया था.

स्टोरेज में मिली शीशियों पर वारियोला लिखा मिला है, जो चेचक का ही दूसरा नाम है. अमेरिकी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र सीडीसी ने एक बयान में कहा है कि ये शीशियां 1950 के दशक की लगती हैं. ये मेरीलैंड के बेथेस्दा के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एनआईएच कैंपस में एफडीए की प्रयोगशाला के स्टोर में मिली है. स्टोर के इस हिस्से का इस्तेमाल नहीं होता है. इस बात के सबूत नहीं हैं कि इन शीशियों को खोला गया है और मौके पर मौजूद सुरक्षा अधिकारियों ने लैब के कर्मचारियों के लिए कोई संक्रामक खतरा नहीं देखा है.

Pocken Mikroskopaufnahme 1975
माइक्रोस्कोप में चेचक के वायरसतस्वीर: Getty Images

नष्ट होंगी शीशियां

इन शीशियों को अटलांटा में सीडीसी के मुख्यालय में उच्च सुरक्षा लैब में भेज दिया गया है. आरंभिक परीक्षणों में स्मॉलपॉक्स के सकारात्मक सबूत मिले हैं. और परीक्षणों के जरिए पता किया जाएगा कि क्या वायरस अभी भी जिंदा हैं. सीडीएस ने कहा है कि परीक्षण में दो हफ्ते लगेंगे और उसके बाद नमूने नष्ट कर दिए जाएंगे. "यदि स्मॉलपॉक्स का सक्रिय वायरस मौजूद है तो विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारियों को इन्हें नष्ट करने की गवाही के लिए बुलाया जाएगा."

अंतरराष्ट्रीय समझौतों के अनुसार दुनिया में सिर्फ दो जगहों को स्मॉलपॉक्स के सैंपल रखने का अधिकार है. अमेरिकी राज्य जॉर्जिया की राजधानी अटलांटा में सीडीएस को और रूस के नोवोसिबिर्स्क में राजकीय वायरोलॉजी रिसर्च सेंटर को. स्मॉलपॉक्स के सैंपल अभी भी रखे जा रहे हैं ताकि शोधकर्ता इस बीमारी के फिर से भड़कने पर उसका अध्ययन कर सकें और टीका बनाने के लिए इस्तेमाल कर सकें. सीडीसी ने 11 सितंबर के आतंकी हमलों के बाद चेतावनी दी है कि वारियोला वायरस का इस्तेमाल बायो आतंकवाद के लिए किया जा सकता है.

Zubehör für Pockenimpfung
चेचक का टीकातस्वीर: Getty Images

एफबीआई की जांच

सीडीएस ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है, "इसी वजह से अमेरिका सरकार एहतियात बरत रही है." सीडीसी ने एक बयान में कहा है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन ने सूचना दी है कि 1 जुलाई को चेचक के वायरस की शीशियां तब मिलीं, जब कर्मचारी एफडीए के लैब को एनआईएच से हटा कर एफडीए मुख्यालय ले जाने की तैयारी कर रहे थे. अब सीडीसी और सरकारी एजेंसी एफबीआई इस मामले की जांच कर रही है कि शीशियां वहां कैसे पहुंचीं.

शीशियां ऐसे समय मिली हैं जब कुछ ही हफ्ते पहले सीडीसी ने कहा था कि करीब 80 कर्मचारियों का सुरक्षा नियमों का पालन नहीं करने की वजह से एंथ्रैक्स से संपर्क हो गया है. 2001 में डाक से भेजे गए लिफाफे में एंथ्रैक्स मिलने के बाद यह सुर्खियों में था.

एमजे/एजेए (एएफपी)