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अयोध्या फैसले पर रोक से चकित हैं आडवाणी

२६ सितम्बर २०१०

बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा है कि उन्हें समझ में नहीं आ रहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या केस का फैसला सुनाने पर रोक क्यों लगा दी. पूरा देश दशकों से चले आ रहे इस विवाद का फैसला जानने के लिए बेचैन है.

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तस्वीर: Fotoagentur UNI

आडवाणी ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि वो 28 सितंबर की अगली सुनवाई में इलाहाबाद हाईकोर्ट को फैसला सुनाने की अनुमति दे. गुजरात के सोमनाथ में प्रसिद्ध शिव मंदिर में पूजा करने के बाद आडवाणी ने पत्रकारों से ये बात कही. यही वो जगह है जहां से 20 साल पहले आडवाणी रथयात्रा पर निकले और अयोध्या का मुद्दा पूरे देश में लहर बनकर दौड़ गया.

Indien BJP Politiker Lal Krishna Advani
आश्चर्य में आडवाणीतस्वीर: UNI

आडवाणी ने कहा,"मैं देश के न्यायतंत्र का सम्मान करता हूं लेकिन जब लोग अयोध्या केस के फैसले का इंतजार कर रहे हैं और मुकदमे के पक्षकार फैसला जानना चाहते हैं. यहां तक कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी फैसला सुनाने पर रोक लगाने की याचिका नामंजूर कर दी तब सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक क्यों लगाई मेरी समझ से बाहर है."

आडवाणी ने लोगों और बीजेपी कार्यकर्ताओं से कोर्ट के सम्मान में शांति बनाए रखने को कहा. उन्होंने कहा," मैं सुप्रीम कोर्ट से अपील करता हूं कि देश के लोग इस फैसले का पिछले पचास साल से इंतजार कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट 28 सितंबर को इस मामले की सुनवाई करे और फिर इलाहाबाद हाईकोर्ट को 29 सितंबर को फैसला सुनाने की अनुमति दे दे."

ये पूछे जाने पर कि क्या आडवाणी कांग्रेस को इस मामले में फंसाना चाहते हैं आडवाणी ने कहा,"मैं ऐसा नहीं करना चाहता. मैं सिर्फ ये चाहता हूं कि सभी राजनीतिक पार्टियां औऱ समुदाय ये समझे कि देश के लोग चाहते हैं कि अयोध्या में राम का भव्य मंदिर बने और अगर ऐसा होता है तो देश के सभी लोगों और समुदायों को इसमें सहयोग करना चाहिए."

आडवाणी ने 20 साल पहले 25 सितंबर को सोमनाथ से रथयात्रा शुरू की तब से वो हर साल यहां आते हैं. आडवाणी के साथ बीजेपी से बाहर निकाली गईं फायरब्रांड नेता उमा भारती भी थीं.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः एस गौड़

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