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अरबों का कारोबार है कार्निवाल

८ फ़रवरी २०१३

जर्मनी के कार्निवाल प्रेमी संगठित मस्ती पर हर साल 2 अरब यूरो खर्च करते हैं. ये खर्च कॉस्ट्यूम से लेकर पार्टी और झांकियां निकालने पर होता है. कोलोन जैसे कार्निवाल गढ़ में तो होटलों में रहने और टैक्सी खर्च भी आता है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

जर्मनी में कार्निवाल से जुड़े समारोहों में लाखों लोग हिस्सा लेते हैं और इस दौरान लाखों यूरो खर्च करते हैं. कार्निवाल के समय को जर्मनी में साल का पांचवां मौसम माना जाता है. इसकी मौज मस्ती अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण कारक है. मार्केटिंग विशेषज्ञ प्रोफेसर यान वीजेके का कहना है कि आर्थिक लिहाज से कार्निवाल अपने आप में अनूठा, उसका कोई मुकाबला नहीं है. यूं तो हैलोवीन में भी लोग रंग बिरंगे पोशाक पहनते हैं, लेकिन उसकी लोकप्रियता घट रही है.

जर्मन कार्निवाल संघ के अनुसार हर साल कार्निवाल पर 2 अरब यूरो खर्च होता है. इस संघ में देश भर में 4,700 कार्निवाल संगठन हैं जिसके 26 लाख से ज्यादा सदस्य हैं. संगठित होने और कार्निवाल से प्रेम के कारण सिर्फ वे ही खुलकर खर्च नहीं करते. कोलोन, डुसेलडॉर्फ और माइंस जैसे शहर कार्निवाल के गढ़ हैं. यहां हर साल लाखों लोग कार्निवाल का मजमा और तमाशा देखने आते हैं. जाहिर है कि वे होटलों में ठहरते हैं, रेस्तरां में खाना खाते हैं और शहर में मटरगश्ती करते हैं. इस दौरान वे बहुत सारा पैसा शहर में छोड़ते हैं. क्लाउन बने शहर के लोगों की मौजमस्ती देखने आने वालों की तादाद यान वीजेके के अनुसार 10 करोड़ से ज्यादा है. और उसके और ज्यादा होने की संभावना भी है.

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तस्वीर: Reuters

खजाने में कॉरपोरेट टैक्स

जर्मनी में सबसे बड़ा कार्निवाल मनाने वाले शहर कोलोन में हर सीजन में 46 करोड़ यूरो का टर्नओवर होता है. इसमें साढ़े 16 करोड़ होटल और रेस्तरां के पल्ले आते हैं. रंग बिंरगी पोशाकों के लिए कोलोन के क्लाउन साढ़े 8 करोड़ यूरो खर्च करते हैं. लोगों की मस्ती तो होती ही है, नगर प्रशासन के लिए भी यह मौका खुशियों का होता है. कोलोन और आसपास के शहरों को कार्निवाल के आस पास के दिनों में कॉरपोरेट टैक्स से 50 लाख यूरो की अतिरिक्त आमदनी होती है.

कार्निवाल के मौके पर निकलने वाली झांकियों में शामिल लोग रास्ते के किनारे खड़े दर्शकों के ऊपर टॉफी चॉकलेट के पैकेट फेंकते हैं. कोई आश्चर्य नहीं कि चॉकलेट और मीठी चीजें बनाने वाली कंपनियों को भी कार्निवाल से खासा फायदा पहुंचता है. इनमें लोवर सेक्सनी या ब्रांडेनबुर्ग की कंपनियां भी हैं. गुलाबी सोमवार को निकलने वाली कार्निवाल परेड के दौरान हर साल जो मिठाइयां फेंकी जाती हैं उनमें 330 टन टॉफी, 700,000 चॉकलेट की पट्टियां और 220,000 चॉकलेट के लड्डुओं के डिब्बे होते हैं. डुसेलडॉर्फ में कार्निवाल संगठन 45 टन मिठाइयां लोगों में बांटते हैं.

Sambacabana
तस्वीर: Sambacabana

हजारों रोजगार

पूरे जर्मनी में कार्निवाल प्रेमी 2 अरब यूरो खर्च करते हैं. अर्थशास्त्री यान वीजेके का कहना है कि परंपरागत त्योहार के लिए यह बहुत बड़ी रकम है. पोशाक बनाने वाली कंपनियों के लिए यह बहुत अहम है, "लेकिन ड्रिंक बनाने वाली कंपनियों के लिए इस बाजार में खुद को स्थापित करना बहुत दिलचस्प है." कार्निवाल से जुड़े व्यवसाय में इस बीच 3000 कंपनियां सक्रिय हैं, जहां पूरे साल 40,000 लोग काम करते हैं. यान वीजेके के लिए इसमें अचंभे की कोई बात नहीं है, क्योंकि कार्निवाल का सीजन लंबा चलता है. इसकी पराकाष्ठा तो फरवरी में चार-पांच दिनों की होती है, लेकिन तैयारियां कई महीने चलती है. ऐसे ज्यादा महीने नहीं हैं, जिनमें कार्निवाल से जुड़ा कुछ न होता हो.

बोखुम शहर की केलर कंपनी 25 साल से ज्यादा से कार्निवाल प्रेमियों के लिए पोशाक और उससे जुड़ी सामग्रियां बना रही है. कंपनी के मैनेजर हॉर्स्ट क्रोकोव्स्की कहते हैं कि उनके लिए कार्निवाल ऐसा कारोबार है जो उन्हें सिर्फ तीन दिन व्यस्त नहीं रखता बल्कि खरीद और कमीशन करने से लेकर बिक्री तक पूरे साल व्यस्त रखता है. इस साल उनके कलेक्शन में 1000 आर्टिकल है. रोज मंडे के पहले ही उनका 10 लाख से ज्यादा सामान बिक चुका है और 2 करोड़ यूरो की बिक्री हो चुकी है. वे अपना सामान सिर्फ कार्निवाल के गढ़ों में ही नहीं बेच रहे हैं, बल्कि दूसरे शहरों में भी बेच रहे हैं.

Karneval Fasching Fasnacht in Deutschland - Brauchtum und Geschichte
तस्वीर: picture-alliance/dpa

जर्मनी भर में कार्निवाल सीजन के दौरान खुदरा दुकानों में 30 करोड़ यूरो की बिक्री होती है. यह सारा पैसा कार्निवाल प्रेमी अपनी पोशाकों, हैट, नकली बालों और सात लाख मेकअप सेटों पर खर्च करते हैं. सबसे ज्यादा 43 फीसदी खर्च जर्मनी के सबसे ज्यादा आबादी प्रांत नॉर्थराइन वेस्टफेलिया में होता है, जहां कार्निवाल का गढ़ कोलोन भी है. दूसरे और तीसरे स्थान पर बवेरिया और बाडेन वुर्टेमबर्ग प्रांत है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कारोबार फैल रहा है, टर्नओवर बढ़ रहा है.

और इसमें जर्मनी की आर्थिक स्थिति का कोई असर नहीं है. आर्थिक विकास से स्वतंत्र कार्निवाल का कारोबार उफान ले रहा है. क्राकोव्स्की ने दो दशक पहले ही समझ लिया था, यदि लोगों की स्थिति अच्छी होती है तो वे त्योहार मनाते हैं, यदि उनकी हालत खराब होती है तो भी वे त्यौहार मनाते हैं. इस सीजन में अरबों यूरो के कारोबार के बावजूद कार्निवाल की मार्केटिंग संभावना बनी हुई है. यान वीजेके कहते हैं कि मार्केटिंग विशेषज्ञ नए लोगों को आकर्षित कर सकते हैं, जिनके बारे में कभी किसी ने सोचा भी नहीं होगा.

रिपोर्ट: क्लाउस डॉयजे/एमजे

संपादन: ए जमाल

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