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अरब देशों के साथ तुर्की की नज़दीकी

१० जून २०१०

सुरक्षा परिषद में ईरान पर प्रतिबंधों के ख़िलाफ़ मतदान के बाद अब यह भी पूछा जाने लगा है कि क्या पश्चिम के साथ तुर्की की दूरी बढ़ रही है? इतना तय है कि अरब व मुस्लिम देशों से उसकी नज़दीकी बढ़ रही है.

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अरब आंख की पुतली हैं - एरडोगानतस्वीर: AP

इस्तांबुल में आज तुर्क-अरब मंच की बैठक को संबोधित करते हुए तुर्क प्रधान मंत्री रेसेप ताय्यिप एरडोगान ने कहा कि ईरान पर प्रतिबंध एक ग़लती है. उन्होंने इस मंच पर घोषित किया कि उनकी आने वाले दिनों में तीन अरब देशों, जार्डन, लेबानन और सीरिया के साथ एक मुक्त व्यापार क्षेत्र बनाने की योजना है. गौरतलब है कि इनमें लेबनान सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य है, और वह ईरान के ख़िलाफ़ प्रतिबंध पर मतदान में तटस्थ था.

एरडोगान ने कहा कि पश्चिम से तुर्की की बढ़ती दूरी का आरोप एक गंदा प्रचार है. इस सिलसिले में उन्होंने सीरिया व अन्य अरब देशों में फ़्रांस के निवेश की ओर ध्यान दिलाया. उन्होंने कहा कि इसके विपरीत जब तुर्की और अरब देशों के बीच पारस्परिक निवेश होता है, तो तुरंत उसके ख़िलाफ़ प्रचार शुरू हो जाता है. तुर्क प्रधान मंत्री का कहना था कि दुनिया के हर हिस्से के प्रति उनका खुला रुख़ है. ऐसी बात नहीं है कि वे किसी के लिए दरवाज़ा बंद करते हैं, और किसी के लिए खोलते हैं.

तुर्की नैटो का अकेला मुस्लिम सदस्य देश है. वह यूरोपीय संघ का भी सदस्य बनना चाहता है, लेकिन ख़ासकर जर्मनी और फ़्रांस के विरोध के कारण उसे सदस्य नहीं बनाया जा रहा है. बुधवार को अमेरिकी रक्षा मंत्री रॉबर्ट गेट्स ने सदस्यता न देने के कारण यूरोपीय संघ की आलोचना की थी.

ख़ासकर गज़ा की मदद के लिए जहाज़ पर इस्रायली नौसेना के हमले के बाद लिए गए कड़े रुख़ के कारण अरब दुनिया में एरडोगान की लोकप्रियता काफ़ी बढ़ गई है. आज तुर्क-अरब मंच की बैठक में गर्मजोशी के साथ उनका स्वागत किया गया. एरडोगान ने कहा कि तुर्क अरबों के बिना जी नहीं सकते. वे तुर्कों की दोनों आंखों की तरह हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि यूरोप के कुछ एक देश चोरी-छिपे काम किए जा रहे हैं, ताकि तुर्की को यूरोपीय संघ की सदस्यता न मिले. इसके बावजूद तुर्की अपने देश में सुधार की प्रक्रिया जारी रखेगा.

ईरान पर प्रतिबंध को ग़लत बताते हुए तुर्क प्रधान मंत्री एरडोगान ने कहा कि वे ऐसी ग़लती में भागीदार नहीं बन सकते थे, फिर इतिहास उन्हें कभी माफ़ नहीं करता. उन्होंने कहा कि अलगथलग करने से ईरान की समस्याएं नहीं सुलझ सकती हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियांउ/भ

संपादन: राम यादव