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अलीगढ़ में पहली बार लड़कियां मैदान में

२० जनवरी २०११

बुधवार को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र संघ के चुनाव कराए गए. चार साल बाद हुए ये चुनाव भारी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच कराए गए. और ऐसा पहली बार हुआ कि लड़कियां मुख्य पदों की दावेदार बनीं.

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राहुल गांधी भी पहुंचे थे एएमयूतस्वीर: DW

एएमयू के चुनाव को लेकर पिछले तीन महीने से विवाद चल रहा था. 2007 में छात्र संघ को खत्म कर दिया गया था. पिछले साल छात्रों ने दोबारा छात्र संघ बनाए जाने की मांग की. चुनावों की मांग में छात्रों ने कई बार प्रदर्शन किए. इस मामले में कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने भी दखलअंदाजी की जिसके बाद केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल ने एएमयू के वाइस चांसलर पीके अब्दुल अजीज से बातचीत की और आखिरकार यूनिवर्सिटी प्रशासन चुनाव कराने पर राजी हो गया.

यूनिवर्सिटी प्रवक्ता के मुताबिक इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि लड़कियों ने मुख्य पदों के लिए चुनाव लड़े. हिंदी विभाग में रिसर्च कर रहीं अस्मां जावेद ने अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा. उनके सामने छह लड़के हैं. नाहीद मुस्तफा ऑनरेरी सेक्रेटरी पद के लिए मैदान में उतरीं. इससे पहले एएमयू के महिला कॉलेज की अपनी यूनियन हुआ करती थी लेकिन उसे खत्म किया जा चुका है.

यूनिवर्सिटी में चुनाव लिंगदोह समिति की सिफारिश पर हो रहे हैं. और इसीलिए लड़कियों की चुनाव में हिस्सेदारी भी संभव हो सकी है. क्योंकि पहले चुनाव 1920 के एएमयू एक्ट के तहत हुआ करते थे. और इस एक्ट में छात्र संघ के चुनाव में लड़कियों की भागीदारी का प्रावधान ही नहीं है. इस बार 24 वर्ष से ज्यादा की उम्र वाले छात्रों को भी चुनाव में हिस्सा लेने से मना कर दिया गया.

प्रवक्ता राहत अबरार ने बताया कि तीन प्रमुख पदों के लिए 21 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा. संघ की सदस्यता के लिए 64 उम्मीदवार मैदान में उतरे. यूनिवर्सिटी में कुल 18 हजार 500 छात्र वोट डाल सकते हैं. नतीजे गुरुवार शाम तक जारी किए जाएंगे.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एस गौड़

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