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आज रिहा हो सकते हैं बंधक पुलिसकर्मी

५ सितम्बर २०१०

बिहार में बंधक बनाए गए पुलिसकर्मियों को माओवादियों ने आज रिहा करने का संकेत दिया है. भारतीय मीडिया से बातचीत में माओवादियों ने दावा किया है कि बंधक सही सलामत हैं. बिहार सरकार से बातचीत का प्रस्ताव ठुकराया.

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पुलिस के लिए चुनौतीतस्वीर: dpa

रूपेश कुमार सिन्हा, मोहम्मद एहसान और अभय यादव अब भी माओवादियों के कब्जे में हैं. लुकास टेटे का शव पुलिस ने बरामद किया है. बिहार सरकार पर दबाव बढ़ाते हुए माओवादियों ने कहा है कि उनकी केंद्रीय समिति ने राज्य सरकार के साथ बातचीत का प्रस्ताव ठुकरा दिया है. लेकिन उन्होंने बंधकों को रिहा करने का संकेत दिया है. पहले माओवादी बंधकों की रिहाई के बदले अपने साथियों को छोड़े जाने की मांग कर रहे थे.

Nitish Kumar
सोच में नीतीशतस्वीर: UNI

माओवादियों के प्रवक्ता अविनाश ने भारतीय मीडिया से बातचीत में दावा किया है कि बंधक बनाए गए तीन पुलिसकर्मियों को रविवार को रिहा कर दिया जाएगा. नक्सलियों के मुताबिक तीनों पुलिसकर्मी सही सलामत हैं और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों के अनुरोध पर उन्हें छोड़ा जा रहा है.

माओवादियों ने पहले सब इंस्पेक्टर अभय यादव को मारने का दावा किया था लेकिन बाद में लुकास टेटे का शव बरामद हुआ. माओवादी प्रवक्ता ने मीडिया से बातचीत में माफी मांगते हुए कहा कि अपने साथियों से फोन पर सही से बात नहीं हो पाने के कारण उनसे गलती हो गई और गलत जानकारी दी गई. पुलिस ने नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी सफलता का दावा करते हुए दो कमांडरों को गिरफ्तार किया है. लखीसराय में अभियान में पिंटूदा और बहादुर यादव पकड़े गए.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को सर्वदलीय बैठक में बंधक संकट पर चर्चा की. बैठक के बाद नीतीश ने माओवादियों से बंधकों को सही सलामत रखने, बातचीत के लिए आगे आने की अपील की.

नीतीश कुमार ने भरोसा दिलाने की कोशिश की है कि जो माओवादी बातचीत के लिए आगे आएंगे उन्हें सुरक्षित रास्ता दिया जाएगा. "हम माओवादियों के साथ आमने सामने बात करना चाहते हैं. बातचीत में हिस्सा लेने वाले माओवादियों को सुरक्षित रास्ता दिया जाएगा."

बंधक बने पुलिसकर्मियों के परिवारजन बेसब्री से सांस रोके रिहाई का इंतजार कर रहे हैं. हवलदार मोहम्मद एहसान की पत्नी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपील करते हुए कहा, "मैं नीतीशजी को बताना चाहती हूं कि अपनी सुरक्षा के लिए उन्होंने दो किलोमीटर के दायरे में सुरक्षाकर्मी तैनात किए हैं और कोई उनके पार नहीं जा सकता. अगर मेरे पति उनके बेटे या भाई होते तो क्या वह वही करते. मैं चाहती हूं कि जल्द से जल्द मेरे पति की रिहाई सुनिश्चित की जाए."

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ए जमाल