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आतंकवाद पर घिरे पाकिस्तान को चीन का सहारा

८ सितम्बर २०१७

चीन और पाकिस्तान के शीर्ष राजयनिकों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की नयी अफगान नीति की आलोचना करने के साथ ही समस्या सुलझाने के लिए तालिबान से नयी बातचीत शुरू करने का सुझाव दिया है.

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Pakistan Außenminister Khawaja Muhammad Asif zu Besuch in China
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/M. Schiefelbein

 

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने बीजिंग में कहा कि उनका देश अपने "प्रगाढ़ मित्र" पाकिस्तान के साथ खड़ा है भले ही कुछ देश पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में उसके योगदान का श्रेय नहीं देना चाहते. माना जा रहा है कि चीनी विदेश मंत्री का इशारा अमेरिका की तरफ है.

पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ इस हफ्ते बीजिंग के दौरे पर हैं और साफ है कि पाकिस्तान से अमेरिका का मोह भंग होने के संकेतों के बीच चीन और पाकिस्तान की दोस्ती और गहरी हो रही है. वांग और आसिफ ने एलान किया है कि चीन, पाकिस्तान और अफगानिस्तान एक नयी त्रिपक्षीय बातचीत के दौर की शुरुआत करेंगे. इसमें चीन तालिबान के साथ समझौते पर बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए दबाव बनायेगा.

China Xinjiang Provinz - Am China-Pakistan Friendship Highway
तस्वीर: Getty Images/AFP/J. Eisele

इधर अमेरिका अफगानिस्तान में अपने सैन्य अभियान को दोगुना करने की कोशिश में है. डॉनल्ड ट्रंप ने पिछले महीने पाकिस्तान को यह कह कर नाराज कर दिया कि अफगानिस्तान में जिन आतंकवादियों से अमेरिका लड़ रहा है उन्हें पाकिस्तान में सुरक्षित पनाह मिल रही है. ट्रंप ने पाकिस्तान को सैन्य सहायता रोकने के साथ ही भारत की अफगानिस्तान में भूमिका बढ़ाने की बात की. पाकिस्तान की तकलीफ इससे और बढ़ी. अमेरिकी अधिकारियों ने इस हफ्ते कहा है कि पाकिस्तान को 22.5 करोड़ डॉलर की सैन्य सहायता फिलहाल रोकी जा रही है. इसके साथ ही अफगानिस्तान में करीब 3500 अतिरिक्त अमेरिकी सैनिक भेजे जा रहे हैं ताकि जिन इलाकों में तालिबान ने बढ़त बनायी है वहां से उन्हें पीछे धकेला जा सके. 

बीजिंग में पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने पत्रकारों से कहा, "हमारा मानना है कि अफगानिस्तान की समस्या का सैन्य तरीके से हल नहीं हो सकता, राजनीतिक बातचीत के जरिये समाधान ढूंढा जाना चाहिए. चीन इस मामले में बहुत रचनात्मक भूमिका निभा रहा है."

Pakistan Außenminister Khawaja Muhammad Asif zu Besuch in China
तस्वीर: picture-alliance/AP Images/L. Zhang/Pool

पाकिस्तान ने पहले भी कई बार अमेरिका के इन आरोपों से इनकार किया है कि वह तालिबान से जुड़े हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकवादी संगठनों को पनाह दे रहा है. पाकिस्तान के इस रुख का चीन समर्थन करता है. इस बार भी चीनी विदेश मंत्री ने कहा, "पाकिस्तान की सरकार और आवाम ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में बड़ी कुर्बानियां दी हैं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इसे मानना चाहिए."

Pakistan Außenminister Khawaja Muhammad Asif zu Besuch in China
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/M. Schiefelbein

दोनों विदेश मंत्रियों ने एक मजबूत गुट की तरह अपने देशों के संबंध को पेश किया. पाकिस्तान को दो दिन पहले ही ब्रिक्स देशों के सम्मेलन में एक झटका लगा था जब विकासशील देशों के संगठन ने आतंकवाद के खिलाफ प्रस्ताव स्वीकार किया और उसमें ऐसे भारत विरोधी आतंकवादी संगठनों के नाम भी थे जो पाकिस्तान की जमीन से संचालित होते हैं. अमेरिका और भारत ने ब्रिक्स के इस रुख का समर्थन किया. पाकिस्तान के लिए ये एक झटका था कि चीन के होते हुए भी ऐसा क्यों हुआ जबकि चीन संयुक्त राष्ट्र में मौलाना मसूद अजहर को प्रतिबंधित करने की भारत की कोशिशों को वीटो करता आया है. मुमकिन है कि चीन दौरे पर पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने यह बात उठायी होगी. हालांकि ख्वाजा आसिफ ने इस मुद्दे पर शुक्रवार को बीजिंग में कुछ नहीं कहा लेकिन वहां जाने से पहले उन्होंने यह जरूर कहा था कि इस मुद्दे का असर द्वीपक्षीय संबंधों पर नहीं पड़ना चाहिए. इधर चीन के विदेश मंत्री ने भी साफ साफ उस मुद्दे पर कुछ बोलने से बचते हुए पाकिस्तान की तारीफ और अपने संबंधों की बात कह बीच का रास्ता निकालने की कोशिश की है.

एनआर/एके (एपी)