आतंकवाद से लड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा ट्यूनीशिया
१९ मार्च २०१५पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने बुधवार को राजधानी ट्यूनिस स्थित राष्ट्रीय बार्दो संग्रहालय में हुए हत्याकांड की निॆंदा की है. इस हमले में 40 से भी अधिक लोग घायल हुए हैं. अस्पताल में भर्ती घायलों को देखने के बाद ट्यूनीशियाई राष्ट्रपति बेइज काइद एसेब्सी ने कहा, "मैं चाहता हूं कि ट्यूनीशिया में सभी लोग समझ लें कि हमने आतंकवाद के विरूद्ध जंग छेड़ दी है और हम इन बर्बर अल्पसंख्यकों से डरने वाले नहीं हैं."
बंदूकधारी हमलावर सेना की वर्दी में म्यूजियम देखने पहुंचे इटली, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, कोलंबिया, पोलैंड और स्पेन के पर्यटकों पर गोलियों की बौछार की थी. मरने वालों में पांच जापानी, चार इतावली, दो कोलंबियाई और फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, पोलैंड और स्पेन के एक एक नागरिक शामिल थे.
ट्यूनीशिया में 2002 के बाद विदेशियों के साथ हुई यह सबसे बड़ी आतंकी वारदात है. करीब 13 साल पहले एक सिनेगॉग में आतंकी गुट अल कायदा के आत्मघाती बम हमले में 21 लोग मारे गए थे. विश्व भर के प्रमुख नेताओं समेत संयुक्त राष्ट्र प्रमुख बान की मून ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और प्रभावित परिवारों के लिए संवेदना जताई हैं. यूएन सुरक्षा परिषद ने इस बात पर जोर दिया कि, "कोई भी आतंकी हमला ट्यूनीशिया को लोकतंत्र के राह पर जाने से रोक नहीं सकता है."
अब तक किसी भी आतंकी गुट ने इन हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है. साल 2011 से ही ट्यूनीशिया में इस्लामी कट्टरपंथियों के हमलों में बढ़ोत्तरी दर्ज हो रही है. देश में मुसलमान युवाओं को कट्टरपंथ के रास्ते पर ले जाने और सीरिया, इराक और पड़ोसी देश लीबिया में लड़ाकों के रूप में इस्तेमाल करने की कोशिशें हो रही हैं.
आरआर/एमजे (एएफपी)