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आतंकी हमले की चेतावनी पर जर्मनी नाराज

७ अक्टूबर २०१०

जर्मनी सहित कई यूरोपीय देशों में आतंकी हमले के खतरे के कारण कुछ देशों के अपने नागरिकों को यात्रा के मामले में दी गई चेतावनी पर जर्मनी ने नाराजगी जताई है.

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जर्मन गृहमंत्री दे मेजियेरतस्वीर: AP

जर्मनी के गृहमंत्री थोमास डे मेजियेर ने एक साक्षात्कार में कहा है कि अल कायदा के हमले के खतरे के कारण यात्रियों को दी गई इस प्रकार की चेतावनी से आतंकवादियों को दहशत फैलाने में मदद मिलती है. उन्होंने कहा कि जर्मनी ऐसे खतरों को गंभीरता से ले रहा है लेकिन अगर डंका पीटा जाए तो इससे आतंकवादियों को ही मदद मिलती है. ऐसे प्रचार के जरिये वे दहशत का माहौल तैयार करना चाहते हैं. गृहमंत्री डे मेजियेर का कहना था कि जर्मनी खामोशी के साथ अपना काम किए जा रहा है.

इस हफ्ते अमेरिका, ब्रिटेन, जापान व स्वीडन की ओर से अपने नागरिकों को चेतावनी दी गई थी कि यूरोप के देशों की यात्रा के दौरान वे सावधानी बरतें, क्योंकि अल कायदा व उससे जुड़े गिरोहों की ओर से हमलों की संभावना है. इसके अलावा ब्रिटिश और अमेरिकी मीडिया में इस आशय की रिपोर्टें छपी थी कि अल कायदा ब्रिटेन, फ्रांस व जर्मनी में मुंबई हमले की तर्ज पर हमला करना चाहता है.

खबरों में कहा गया कि अफगान मूल के एक जर्मन नागरिक की गिरफ्तारी के बाद उससे पूछताछ करने में इसकी जानकारी मिली है. जर्मनी से बड़ी संख्या में लोग पाकिस्तान के सरहदी इलाके में गए हुए हैं और वहां आतंकवादियों के शिविरों में प्रशिक्षण पा रहे हैं. जर्मन खुफिया सूत्रों के अनुसार उनकी संख्या 65 के आसपास है.

गिरफ्तार जर्मन नागरिक का नाम अहमद सिद्दिकी है, और हैम्बर्ग में वह 11 सितंबर के मुख्य आतंकी मोहम्मद अता से भी परिचित था.

इसी हफ्ते उत्तरी वजीरीस्तान में एक अमेरिकी ड्रोन हमले में कम से कम पांच आतंकवादियों की मौत हो गई थी. पाकिस्तानी खुफिया सूत्रों के अनुसार उनकी संख्या आठ थी और वे जर्मनी के नागरिक थे. जर्मन गृहमंत्री डे मेजियेर ने इस बात की पूष्टि करने से इंकार कर दिया कि वे जर्मनी के नागरिक थे. उन्होंने इस बात पर अचरज दिखाया कि एक बीहड़ इलाके में मानव रहित ड्रोन हमले में मारे गए लोगों के पासपोर्ट भी इस बीच मिल गए हैं.

डे मेजियेर ने कहा कि किसी को यह खुशफहमी नहीं होनी चाहिए कि जर्मनी आतंकवादियों के निशाने पर नहीं है. लेकिन तुरंत किसी हमले का कोई ठोस संकेत नहीं मिला है.

रिपोर्ट: एजेंसिया/उभ

संपादन: एन रंजन