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'आम आदमी' पर 'अवाम' ने जड़े नए आरोप

३ फ़रवरी २०१५

दिल्ली विधानसभा चुनावों से ठीक पहले चुनावी दंगल गहराता दिख रहा है. आम आदमी पार्टी ने गैरसरकारी संगठन 'अवाम' के आरोपों का खंडन किया है कि उसने 2014 में चार ‘संदिग्ध’ कंपनियों से दो करोड़ रूपए का चंदा लिया है.

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तस्वीर: picture alliance/Anil Shakya

आम आदमी पार्टी (आप) पर फर्जी कंपनियों से चंदा लेने का आरोप लगाने वाले आम आदमी वॉलंटियर्स एक्शन मंच (अवाम) ने एक बार फिर आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाए. अवाम का आरोप है कि खुद को ईमानदार कहने वाली आप खुद चंदे के रूप में काला धन ले रही है. जिन कंपनियों के नाम से चंदे के रूप में दो करोड़ रूपये जमा हुए हैं, उनका काम ही कमीशन लेकर काले धन को सफेद करना है.

संगठन के प्रमुख गोपाल गोयल ने कहा कि आप को देश से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी काला धन चंदे के रूप में मिला है, और उसे फिर इन्हीं कंपनियों के माध्यम से सफेद किया जा रहा है. अवाम ने दावा किया कि इन कंपनियों ने आप को चंदा नहीं दिया था बल्कि ये कंपनियां हवाला का धंधा करती हैं.

इससे पहले संदिग्ध कंपनियों से चंदा लेने का आरोप झेल रही पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशन में सभी तीन प्रमुख पार्टियों के खातों की विशेष जांच टीम द्वारा जांच कराने की मांग की. आप के प्रतिनिधि योगेंद्र यादव ने कहा कि उनकी पार्टी का लेन देन एकदम पारदर्शी है. यादव ने सभी पार्टियों से अपने चंदों की जानकारी देने की मांग की.

योगेंद्र यादव ने बीजेपी पर गलत आरोप लगाकर मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, "पिछले विधानसभा चुनावों से पहले भी बीजेपी ने एक सीडी निकाली थी जो बाद में झूठी साबित हुई थी. वे ईमानदारी की राजनीति की अनुमति नहीं देते." उन्होंने कहा कि यदि पार्टी को कुछ छुपाना होता तो वह चंदे की जानकारी वेबसाइट पर नहीं डालती.

आम आदमी पार्टी से टूट कर बने 'अवाम' ने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी पर चार संदिग्ध कंपनियों के माध्यम से 2 करोड़ रुपये का चंदा लेने का आरोप लगाया था. कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने संदेह जताया है कि आम आदमी पार्टी से अलग हुए स्वयंसेवियों के समूह के आरोपों के पीछे भाजपा की भूमिका हो सकती है.

इस बीच चुनाव आयोग ने चुनावों से पहले खर्च और कालाधन निरोधक निगरानी प्रक्रियाओं की समीक्षा की और सभी पर्यवेक्षकों को मतदान से कुछ दिन पूर्व कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया. अधिकारियों ने कहा कि आयोग द्वारा आयकर, सेवा कर, पुलिस और आबकारी विभागों के लिए मनोनीत दो दर्जन से अधिक पर्यवेक्षकों को सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों तथा उनसे सटे इलाकों में निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया गया.

एमजे/आरआर (पीटीआई, वार्ता)