ट्रंप पहुंचे रिपब्लिकन उम्मीदवारी के करीब
४ मई २०१६कभी हल्के में लिए जाने वाले उम्मीदवार व्यवसायी डॉनल्ड ट्रंप का रिपब्लिकन उम्मीदवार बनना अब तय लगता है. वहीं डेमोक्रेट खेमे में इंडियाना में हार के बावजूद हिलेरी क्लिंटन को भारी बढ़त हासिल मिलती दिखती है. ट्रंप के इस अभियान में इतना आगे आने की वजह परेशान वोटरों को अपने पक्ष में करने की काबिलियत को माना जा रहा है.
मंगलवार को इंडियाना में ट्रंप की जीत और प्रतिद्वंदी टेड क्रूज के मुकाबले से बाहर होने के बाद भी रिपब्लिकन पार्टी उन्हें अपना उम्मीदवार बनाने को लेकर गहरी अनिश्चितता में दिखती है. कुछ रिपब्लिकन नेता तो तूफानी बयानबाजी और घृणा भरी बातें कहने वाले अरबपति ट्रंप को लेकर काफी सावधानी बरत रहे हैं और साफ किया है कि वे कभी ट्रंप का समर्थन नहीं करेंगे.
पार्टी कांग्रेस से पहले ट्रंप को अभी भी अपनी दावेदारी पक्की करने के लिए करीब 200 डेलीगेट्स की जरूरत है. लेकिन क्रूज के हट जाने से उनकी सबसे बड़ी बाधा दूर हो गई है. उधर वेर्मान्ट के सिनेटर बर्नी सैंडर्स ने क्लिंटन को हराकर इंडियाना की प्राइमरी जीती. हालांकि इस हार के बाद भी क्लिंटन के लिए डेमोक्रेट उम्मीदवारी जीतना संभव होगा. क्लिंटन को अपनी जरूरत के करीब 92 फीसदी डेलिगेट्स मिल चुके हैं. और वे अभी से ही राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव अभियान करती दिखती हैं.
क्लिंटन और ट्रंप के बीच पिछले छह महीने से आप्रवासन कानून, हेल्थकेयर सिस्टम और सेना की तैनाती जैसे मुद्दों पर तनातनी रही है. जहां क्लिंटन को अल्पसंख्यक और महिला वोटरों में बढ़त मिली हुई है, तो वहीं डेमोक्रेट पार्टी भी ट्रंप की ध्रुवीकरण की क्षमता को अब और हल्के में नहीं ले पाएगा.
सैंडर्स को वापस रेस में लाने का काम अब केवल सुपरडेलिगेट्स ही कर सकते हैं. ये डेमोक्रेट पार्टी के वे इनसाइडर होते हैं जो अपने राज्य के मत के विपरीत जाकर भी अपनी मर्जी के उम्मीदवार का समर्थन कर सकते हैं. लेकिन ऐसे सुपरडेलिगेट्स क्लिंटन का 18-1 के अंतर से समर्थन कर रहे हैं.