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इतिहास में आजः 30 नवंबर

आमिर अंसारी२९ नवम्बर २०१३

30 नवंबर 1994 को आज ही के दिन पर्यटन जहाज आशीले लाउरो सोमालिया के नजदीक सागर में आग लगने के बाद डूब गया.

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तस्वीर: MIKE NELSON/AFP/Getty Images

पर्यटक जहाज आशीले लाउरो का इतिहास काफी उतार चढ़ाव भरा रहा. सागर में डूबने से पहले इस शानदार जहाज पर हत्याएं और आतंकवादी वारदात हो चुकी थी. इस जहाज को रॉयल रोटरडैम कंपनी ने 10 साल की कड़ी मेहनत के बाद तैयार किया था. जहाज का वजन 24,000 टन था. 1947 में जब इस जहाज को पानी में उतारा गया तो यह नीदरलैंड्स से भारतीय उप महाद्वीप के बीच यात्रियों के सफर और माल ढुलाई के इस्तेमाल में लाया गया. 1965 में स्टार लाउरो नाम की लग्जरी जहाज कंपनी ने इसे खरीद लिया. उसके बाद इसका इस्तेमाल लग्जरी जहाज के तौर पर होने लगा. 1971 में इस विशालकाय जहाज ने भूमध्य सागर में मछली पकड़ने वाली नाव को टक्कर मार दी जिसमें एक शख्स की मौत हो गई. इसके 10 साल बाद जहाज में लगी आग में दो लोगों की मौत हो गई. आशीले लाउरो के इतिहास की सबसे कुख्यात वारदात 1985 में हुई जब फिलिस्तीनी चरमपंथियों ने जहाज का अपहरण कर लिया. चरमपंथियों की गोली से अमेरिकी पर्यटक लियोन क्लिंगहॉफर की मौत हो गई. 1994 में पूर्वी अफ्रीका के पास से गुजरते हुए आशीले लाउरो में आग लग गई. उस वक्त जहाज में 1000 यात्री सवार थे. आग से लोगों को बचाने के लिए लाइफबोट को समंदर में उतारा गया. आशीले लाउरो को तट तक खींच कर लाने के लिए एक और जहाज भेजा गया. लेकिन जैसे ही दोनों जहाजों को जोड़ने की कोशिश की गई, आशीले लाउरो में बड़ा धमाका हुआ. इस धमाके में दो लोगों की मौत हो गई और आशीले लाउरो समंदर में डूब गया.

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