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इतिहास

इतिहास में आज: 11 जुलाई

१० जुलाई २०१४

1987 में आज ही के दिन दुनिया की आबादी ने पांच अरब का आंकड़ा छुआ था. यही वह तारीख थी जिसे संयुक्त राष्ट्र ने हर साल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जनसंख्या दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया.

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Symbolbild | Welt Bevölkerung
तस्वीर: picture-alliance/Zoonar

11 जुलाई 1987 से हर साल दुनिया भर में विश्व जनसंख्या दिवस के रूप में मनाया जाने वाला दिन दुनिया की आबादी के बदलते रूझानों को देखने का मौका होता है. भारत और चीन समेत दुनिया के कई विकासशील और विकसित देश जनसंख्या विस्फोट के बारे में परेशान हैं. विकासशील देश अपने लोगों की जरूरतों और उपलब्ध संसाधनों के बीच सामंजस्य बिठाना चाहते हैं तो विकास की राह पर आगे बढ़ने की कोशिश में लगे देशों के लिए आबादी का तेजी से बढ़ना बड़ा सिरदर्द बना हुआ है.

आज विश्व भर में एशियाई देश ही दुनिया की ज्यादातर आबादी का बोझ उठाए हुए हैं. बढ़ती जनसंख्या से पैदा होने वाले खतरों के बारे में लोगों को जागरुक बनाने की कोशिश में साल का यह खास दिन बहुत महत्वपूर्ण है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक केवल भारत में हर मिनट 25 बच्चे पैदा होते हैं.

यह संख्या अस्पतालों में पैदा हुए बच्चों की है. समझा जा सकता है कि असली जन्म दर इससे ज्यादा ही होगी. विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगर भारत ने अपनी तेजी से बढ़ रही जनसंख्या की दर कम करने के लिए जल्दी कुछ ठोस कदम नहीं उठाए तो 2030 तक वह विश्व में सबसे बड़ी आबादी वाला राष्ट्र बन जाएगा.

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