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इतिहास में आज: 14 अगस्त

समरा फातिमा१३ अगस्त २०१४

कम्युनिस्ट प्रभाव से पोलैंड की मुक्ति में आज का दिन अहम है. 1980 में आज ही के दिन लेख वलेंसा के नेतृत्व में ग्दांस्क शिपयार्ड में मजदूरों ने हड़ताल की.

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तस्वीर: picture-alliance /dpa/dpaweb

इस हड़ताल के बाद 31 अगस्त को पोलैंड की पहली गैरसरकारी ट्रेड यूनियन 'सोलिदारनोस्क' की स्थापना हुई. वलेंसा को इसका अध्यक्ष चुना गया. वलेंसा 1943 में पोपोवो में एक गरीब रोमन कैथोलिक परिवार पैदा हुए थे. वह 1967 में ग्दांस्क चले गए जहां उन्होंने एक शिपयार्ड में इलेक्ट्रीशियन की नौकरी कर ली.

पोलैंड में मजदूरों और गरीब कारीगरों की खराब हालत के विरोध ने जोर पकड़ना शुरू कर दिया था और वलेंसा इसके सक्रिय सदस्य बन गए. 1976 में कारखानों में गरीब मजदूरों की मौत के विरोध में याचिका दायर करने के लिए मजदूरों के हस्ताक्षर लेने के मामले में उन्हें नौकरी से हटा दिया गया. इसके बाद उनके लिए कहीं दूसरी जगह नौकरी पाना भी मुश्किल हो गया. वलेंसा ने अपने साथियों के साथ मिलकर ट्रेड यूनियन बनाई और 1980 में आज के दिन ग्दांस्क में हड़ताल शुरू की. इस हड़ताल के साथ ही पोलैंड में कम्युनिस्ट शासन के अंत की शुरुआत हो गई.

Lech Walesa ehemaliger Präsident Polen
तस्वीर: picture-alliance/dpa

इस हड़ताल को जर्मन एकीकरण के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है. पोलैंड में सरकार विरोधी आंदोलन के साथ जीडीआर के लोगों की सहानुभूति अंत में 1089 में बर्लिन दीवार के गिरने और जर्मन एकीकरण की वजह बनी. इसकी वजह से शीतयुद्ध का भी अंत हुआ.

1990 तक वलेंसा काफी लोकप्रिय हो गए थे और दोबारा 'सोलिदारनोस्क' के अध्यक्ष चुने गए. 1990 में हुए स्वतंत्र राष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने 74 फीसदी से ज्यादा वोट हासिल कर चुनाव जीता और देश के राष्ट्रपति बने. मजदूरों के हितों के लिए उनके प्रयासों के लिए उन्हें 1983 में नोबेल शांति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था.

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