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इतिहास में आज: 20 नवंबर

२० नवम्बर २०१४

दूसरे विश्व युद्ध के बाद आज ही के दिन 1945 में पहली बार जर्मन शहर न्यूरेमबर्ग में 22 नाजी नेताओं के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई शुरू हुई.

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तस्वीर: picture alliance/akg-images

इन सभी पर युद्ध अपराध के आरोप थे. आठ अगस्त, 1945 को एक अंतरराष्ट्रीय सैन्य न्यायाधिकरण का गठन किया गया जिसमें अमेरिका, सोवियत संघ, ब्रिटेन और फ्रांस के न्यायधीश शामिल थे. ये सुनवाई अक्टूबर 1946 तक चली जिसके बाद 22 में से 12 नाजी नेताओं को फांसी की सजा सुनाई गई. तीन लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई जबकि सात अन्य को 10 से लेकर 20 साल तक की कैद की सजा सुनाई गई.

दूसरे विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद महीनों तक इस बात पर विचार विमर्श होता रहा था कि नाजी नेताओं को कैसे सजा दी जाए. ब्रिटेन ने नाजी नेताओं को पकड़ने के बाद गोली मार देने की सिफारिश की थी लेकिन अमेरिका और सोवियत संघ चाहते थे कि उन्हें कानूनी तौर पर सजा दी जाए. वे जिन पर अपराध ज्यादा गंभीर नहीं थे उनके लिए पांच और सैन्य न्यायाधिकरण बनाए गए जिनकी सुनवाई 1950 तक चली.