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इतिहास में आज: 29 अक्टूबर

ऋतिका राय२८ अक्टूबर २०१४

साल 1999 में आज ही के दिन भारत के पूर्वी तट पर उठे महातूफान ने भयंकर तबाही मचा दी थी.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

पूर्वी भारत के उड़ीसा राज्य में आए इस सुपर-साइक्लोन से गांव के गांव बह गए और हजारों लोग बेघर हो गए. पुल, सड़कें, रेल यातायात के साथ साथ संचार के सब साधन ठप पड़ गए थे. इस तूफान के दौरान 250 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चली जो इस क्षेत्र के लिए रिकार्ड था. इसके करीब दो हफ्ते पहले ही इलाके में तूफान आया था जिसमें करीब 150 लोगों की जान चली गई थी और पांच लाख लोग प्रभावित हुए थे.

इस तूफान को सुपर-साइक्लोन इसलिए कहा गया क्योंकि इसमें बहुत तेज हवाओं और शक्तिशाली समुद्री ज्वार का जानलेवा मेल था. इसी कारण तूफान की चपेट में आकर 10 हजार से भी ज्यादा लोगों की मौत हुई और करीब 15 लाख लोग बेघर हो गए. भारत के इतिहास में कुछ सबसे बुरे तूफानों में इसका जिक्र हमेशा आएगा.

इस आपदा के बीत जाने के बाद भी परेशानी खत्म नहीं हुई. आगे के कई हफ्ते लोगों की भूख और बीमारियों से जान जाती रही.

साल 2001 में एक बार फिर उड़ीसा में मानसून के समय आई बाढ़ से खूब तबाही मची. यह बीते 50 सालों में आई सबसे भयंकर बाढ़ थी. तमाम प्रयासों के बावजूद इसकी चपेट में आकर सैकड़ों लोग मारे गए और लाखों घर बह गए. इनमें से कई लोग वे थे जो 1999 के महातूफान में अपना सब कुछ गंवाने के बाद तटीय इलाके के साधारण से घरों में रह रहे थे.