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इतिहास में आज: 30 जुलाई

समरा फातिमा२९ जुलाई २०१३

भारत में रहने वालों को याद होगा आज का दिन जब कुछ ही साल पहले अचानक सब कुछ एक साथ किसी शून्य में जाकर ठहर गया था. तब अहसास हुआ कि बिजली पर हमारी निर्भरता इतनी है कि इसका न होना सब कुछ एक साथ ठप कर सकता है.

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तस्वीर: Reuters

30 जुलाई 2012, रात ढाई बजे बिजली चली गई. लेकिन यह पावर कट कोई सामान्य पावर कट नहीं था. एक साथ पूरे उत्तरी भारत के सात राज्यों की बिजली गुल हो गई. उत्तरी ग्रिड में खराबी ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और हिमाचल प्रदेश में 36 करोड़ लोगों के जीवन को प्रभावित किया. कई ट्रेनों को बीच रास्ते में ही रोकना पड़ा था. इसके अलावा राजधानी दिल्ली में मेट्रो सेवा ठप हो गई. मेट्रो ट्रेनें न चलने की वजह से लोग अपने दफ्तरों पर समय से नहीं पहुंच पाए. पानी के लिए भी लोग मोटरों का इस्तेमाल करते हैं, जाहिर है ऐसे में सिर्फ बिजली नहीं घरों में पानी की दिक्कत भी खड़ी हो गई.

Stromausfall Indien Juli 2012
तस्वीर: dapd

लगभग 15 घंटों के संघर्ष के बाद ग्रिड ठीक की जा सकी. लेकिन अगले ही दिन 31 जुलाई को दोपहर एक बजे एक बार फिर ग्रिड बैठ गई और देश के 22 राज्यों में बिजली गुल हो गई. लगभग 300 इंटरसिटी ट्रेनें रुक गईं.

तत्कालीन ऊर्जा मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने इसके पीछे वजह दी कि कई राज्यों ने अत्यधिक बिजली खींच ली थी जिसके कारण सिस्टम गड़बड़ा गया. हालांकि ऐसा करने पर राज्यों को आर्थिक जुर्माना देना होता है, लेकिन अक्सर राज्य इससे बच कर निकल जाते हैं.

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