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ब्रेक्जिट वार्ता में विवाद के मुद्दे

१९ फ़रवरी २०१६

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने नागरिकों को यूरोपीय संघ की सदस्यता पर फैसला करने के लिए जनमत संग्रह कराने का वादा किया है. मतदान जीतने के लिए वे यूरोपीय संघ से बड़ी रियायतें मांग रहे हैं. मतभेद कई मुद्दों पर हैं.

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Brexit Symbolbild
तस्वीर: picture alliance/Klaus Ohlenschläger

ब्रिटेन की समस्या यह है कि पूर्वी यूरोप के नए सदस्य देशों के नागरिकों के लिए खुली आवा जाही का सपना तो पूरा हुआ है लेकिन पोलैंड और रोमानिया जैसे देशों के नागरिकों के आने से वहां राजकोष पर बोझ बढ़ा है. एक डर तो सस्ते कामगारों के आने से देश में बेरोजगारी बढ़ने का और कामगारों के वेतन पर दबाव बढ़ने का है. इसकी वजह से ब्रिटेन में यूरोप विरोधी ताकतें मजबूत हुई हैं और परंपरागत पार्टियां कमजोर हुई हैं. डेविड कैमरन यूरोपीय संघ से रियायतें पाकर अति दक्षिणपंथी पार्टियों को कमजोर करना चाहते हैं.

वीटो का अधिकार

वित्तीय संकट के बाद एक ओर यूरोप को और एकताबद्ध करने की मांग हो रही है तो लंदन राष्ट्रीय संसदों की भूमिका बढ़ाना चाहता है. इससे राष्ट्रीय जन प्रतिनिधियों को ब्रसेल्स के मनमाने बर्ताव के खिलाफ लाल कार्ड दिखाने का अधिकार मिलेगा.

सामाजिक भत्तों में कटौती

ब्रिटेन नहीं चाहता कि गरीब सदस्य देशों के सस्ते कामगार ब्रिटेन में सामाजिक भत्तों का लाभ उठाएं. ब्रिटेन चाहता है कि ईयू देशों से अचानक बहुत से लोगों के आने पर उसे रोक लगाने का हक होना चाहिए. आप्रवासियों को चार साल बाद भत्ता पाने का हक मिलेगा.

संतान भत्ता

यूरोपीय संघ में वह सरकार संतान भत्ता देती है जहां मां बाप काम करते हैं, चाहे बच्चा कहीं और रह रहा हो. ब्रिटेन पोलैंड और रोमानिया के कामगारों को बच्चों के लिए भत्ता देता है. अब यह बहस हो रही है कि क्या भत्ते को संबंधित देश के जीवन स्तर के अनुरूप होना चाहिए.

घनिष्ठ होता संघ

यूरोपीय संघ का लक्ष्य समय के साथ घनिष्ठ होना है. लंदन को यह पसंद नहीं है. ब्रिटेन को स्वीकार फॉर्मूला समापन घोषणा में है जिसमें कहा गया है कि ईयू का लक्ष्य खुले और लोकतांत्रिक समाज में रहने वाले साझा विरासत वाले लोगों के बीच भरोसा और समझ बढ़ाना है.

समझौते में संशोधन

कैमरन की मांगों को पूरा करने के लिए यूरोपीय संधि में संशोधन की जरूरत होगी. राजनीतिक तौर पर कैमरन को इसका फायदा मिलेगा, लेकिन यह लागू नए सदस्य के शामिल होने के समय होगा. उस समय यूं भी संधि के टेक्स्ट में बदलाव करना होगा.

एमजे/आईबी (डीपीए)