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'इस बंधन से छुटकारा पाना मुश्किल'

२५ फ़रवरी २०१४

"मेरे विचार से प्रश्नोलॉजी में उत्तर देते हुए पूरा पता लिखना ठीक नही है. कोई भी ऐसे पते का गलत उपयोग कर सकता है." ये कहना है राजेंद्र कुमार जी का. आइए देखें, और लोग फीडबैक में हमें क्या भेज रहे हैं.

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Bildergalerie Kurzschlaf im Iran
तस्वीर: Tabnak

मै मंथन कार्यक्रम का नियमित दर्शक हूं. मंथन के प्रथम एपिसोड से अभी तक सभी एपिसोड देखे हैं मैंने. यह प्रोग्राम बेहद ही ज्ञानवर्धक और अच्छा है. मैं अपने आप को देखने से रोक नहीं पाता हूं. इसकी सुंदर प्रस्तुति तथा महत्वपूर्ण विषय मुझे अपनी ओर आकर्षित करते हैं. मैं नियमित रूप से प्रश्नोलॉजी में भी भाग लेता हूं. मेरे विचार से प्रश्नोलॉजी में उत्तर देते हुए पूरा पता लिखना ठीक नही है. कोई भी ऐसे पते का गलत उपयोग कर सकता है. मैं कहना चाहूंगा कि उत्तर और पते को हाइड किया जाना चाहिए, केवल उत्तर देने वाले का नाम ही फेसबुक के होमपेज पर दिखना चाहिए.

राजेंद्र कुमार, बंगलौर

इस सप्ताह के मंथन कार्यक्रम की रिपोर्ट को पढ़ा. सच मंथन क्या प्रोग्राम है. हम ने पहले भी कहा था और आज भी कह रहा हूं कि मंथन सोच से आगे का नाम है. इस संसार में यह पहला कार्यक्रम है जो इतना ज्ञानवर्धक है. जो भी देखे उसे जरूर नई जानकारी मिलती है और वह इंसान मंथन का फैन हो जाएगा. इस बार के कार्यक्रम में हवाई उड़ानों की सुरक्षा और नींद के बारे में जानकारियां मुझे बहुत ही अच्छी लगी.

अमीर अहमद, दिल्ली

मैं डीडब्ल्यू का बहुत शुक्र गुजार हूं जो हमें नई नई जानकारियां, घटना के कुछ ही पल में डीडब्ल्यू द्वारा पता चलती हैं, जो हमारे यहां दूसरे दिन अखबारों में पढ़ने को मिलती हैं. बड़ी खुशी हुई फेसबुक ने व्हाट्सऐप का ऐप खरीद लिया. यह बात जैसे हमें डीडब्ल्यू के माध्यम से सबसे पहले पता चली और जब हम अपने परिवार, मित्रों से चर्चा करते हैं तो उन्हें आश्चर्य होता है कि इतनी बड़ी और महत्वपूर्ण जानकारी आपको इतनी जल्दी कैसे पता चलती है. यह कमाल सिर्फ आपके डीडब्ल्यू या मंथन की वजह से ही है. हम सभी मित्रगण परिवार के साथ मिलकर आपके डीडब्ल्यू पर चर्चा भी करते हैं. सभी मिलकर दूरदर्शन पर आपका मंथन प्रोग्राम भी देखते हैं जो बहुत ही मनोरंजनात्मक और मार्गदर्शन करने वाला है. इसका इंतजार हम पूरा हफ्ता करते हैं. हमारे क्लब से बहुत सारे सदस्य आपसे जुड़े हुए हैं, जिन्हें डीडब्ल्यू की वजह से कंप्यूटर, ईमेल सीखने का मौका मिल रहा है.

Symbolbild Facebook kauft WhatsApp
तस्वीर: picture-alliance/dpa

प्रमोद आर भारते, डीएक्स क्लब ऑफ जालना, महाराष्ट्र

विज्ञान प्रद्योगिकी के नए पैमाने और अद्धभुत कारनामों तथा नई खोजों को मंथन कुछ इस प्रकार पेश करता है मानो हम किसी परीक्षण केन्द्र मे बैंठे हों. भारत की अधिकांश आबादी गांवों में है जहां आज भी सूचना का मुख्य केन्द्र दूरदर्शन को माना जाता है और इस पर इस कार्यक्रम का प्रसारण होना सोने पर सुहागा है और इसके सकारात्मक परिणाम भी मिल रहे हैं. बहुत से छात्र छात्राएं जो विज्ञान विषय में रूचि रखते है वह दूरदर्शन पर बड़े चाव से इससे जुड़े कार्यक्रम देखते हैं और उनमें सबसे लोकप्रिय "मंथन" होता जा रहा है.

मुहम्मद सादिक आजमी, लोहिया, जिला आजमगढ, उत्तर प्रदेश

Sendungslogo TV-Magazin "Manthan" (Hindi)
तस्वीर: DW

डॉयचे वेले से मेरा बहुत पुराना रिश्ता हैं. जब से रेडियो प्रसारण शुरू हुआ तब से डॉयचे वेले के साथ मेरा रिश्ता बना, जो धीरे धीरे इतना गहरा हो गया कि आज इस बंधन से छुटकारा मिलना बहुत मुश्किल हैं. रेडियो पर प्रसारण तो आज अतीत हो गया. आज हम इंटरनेट के माध्यम से डॉयचे वेले के साथ हैं. आपकी वेबसाइट पर लिखी रिपोर्टों से हमें आज दुनिया भर की नई नई जानकारीयां प्राप्त हो रही हैं. विज्ञान-तकनीकी-पर्यावरण-चिकित्सा जगत की नई नई खोज हम तक पहुंचाने के लिए आपके साप्ताहिक टेलीविजन शो मंथन की उपयोगिता के बारे में जितना भी कहूं उतना ही कम होगा.

सुभाष चक्रबर्ती, नई दिल्ली

संकलनः विनोद चड्ढा

संपादनः आभा मोंढे

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