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ईयू अफ्रीका व्यापार पर जोर

३ अप्रैल २०१४

केन्द्रीय अफ्रीकी गणराज्य में चले आ रहे संघर्षों और वहां हो रहे जान माल के नुकसान को रोकने का मुद्दा ईयू-अफ्रीका सम्मेलन में छाया रहा.

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EU Afrika Gipfel Merkel 02.04.2014 Brüssel
तस्वीर: Reuters

जर्मनी के ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ और अफ्रीकी नेताओं के बीच दो दिनों तक चलने वाले शिखर सम्मेलन में व्यापारिक संबंध सुधारने और आप्रवासन जैसे विषयों पर भी खासा जोर है.

पंद्रह यूरोपीय और पंद्रह अफ्रीकी देशों के राष्ट्र प्रमुख मिलकर ईयू के शांति सैनिकों के अफ्रीकी गणराज्य में तैनाती के मसले पर भी फैसला लेंगे. दोनों पक्ष बराबरी और एक दूसरे को फायदा पहुंचाने वाले संबंध स्थापित करना चाहते है. आर्थिक संबंधों में और गहरी साझेदारी बनाना एक महत्वपूर्ण मुद्दा है. पहले ईयू से काफी ज्यादा मदद लेने वाला अफ्रीका आज व्यापारिक रिश्तों में एक मजबूत पार्टन बन कर उभरा है. जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल ने अफ्रीका में मौजूद व्यापारिक संभावनाओं पर ध्यान देने की बात कही, "अफ्रीका और ज्यादा महत्वपूर्ण होता जा रहा है." वहीं फ्रांस के राष्ट्रपति ओलांद ने सुरक्षा, विकास और जलवायु परिवर्तन के मामले में अफ्रीका की मदद के लिए एक नया गठबंधन बनाने का प्रस्ताव भी रखा.

संघर्ष विराम और शांतिस्थापना

जर्मनी, ब्रिटेन, स्वीडन और लक्जेमबर्ग जैसे ईयू के 13 सदस्य देश अफ्रीकी महाद्वीप में शांति स्थापित करने में मदद कर रहे हैं. साल 2004 से ही ईयू ने डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, सूडान, दक्षिण सूडान, सोमालिया, माली और केन्द्रीय अफ्रीकी गणराज्य जैसे देशों में शांति स्थापना के लिए 1.2 अरब यूरो से भी ज्यादा खर्च किया है. इसके अलावा ईयू की सरपरस्ती में सेना की करीब 2,300 टुकड़ियां अभी भी अफ्रीका में तैनात हैं.

Angela Merkel und Francois Hollande beim EU Afrika Gipfel in Brüssel
तस्वीर: Reuters

मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी थी कि करीब 19,000 मुसलमानों के ईसाई मिलिशिया के हाथों मारे जाने का खतरा है. केन्द्रीय अफ्रीकी गणराज्य की राजधानी बांगुई में पिछले कई महीनों से ईसाई और मुसलमान समुदायों के बीच जारी हिंसक झड़पों को रोकने के लिए ईयू की सेनाएं तैनात की गई हैं. सम्मेलन में हिस्सा ले रहे यूएन के महासचिव बान की मून ने बताया कि वह और सैनिकों की तैनाती की मांग करेंगे. बान ने कहा, "इन मौतों को रोकने और आम नागरिकों को बचाने के लिए हमें तुरंत कोई कदम उठाना होगा. कई पीढ़ियों से साथ रह रहे समुदायों के बीच गहरी होती दरार को कम करना होगा."

व्यापार और निवेश बढ़ाने की जरूरत

व्यापार और विकास के मामले में यूरोप अफ्रीका का सबसे बड़ा पार्टनर है. 2007 से अब तक दोनों महाद्वीपों के बीच द्विपक्षीय व्यापार में करीब 50 फीसदी का इजाफा हुआ है. 2012 में अफ्रीका से ईयू में 187 बिलियन यूरो का आयात हुआ जो कि अफ्रीका को किए निर्यात से ज्यादा था. पिछले एक दशक में अफ्रीका का यूरोप में निवेश 700 प्रतिशत से भी ज्यादा बढ़कर करीब 77 अरब यूरो हो गया है. लेकिन यह अब भी यूरोप के अफ्रीका में किए गए लगभग 221 बिलियन यूरो के निवेश के सामने बहुत कम है. सम्मेलन में निवेश और व्यापार के असंतुलन को ठीक करने पर भी चर्चा हो रही है. यूरोप अफ्रीका के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार के रूप में अपनी स्थिति और मजबूत करना चाहता है, जिसे उभरती हुई एशियाई शक्ति चीन के अफ्रीका के साथ बढ़ते व्यापारिक संबंधों से चुनौती मिल रही है.

आरआर/एएम (डीपीए, एएफपी)