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ईरान में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव

१७ जून २०२१

ईरान में शुक्रवार को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होंगे. शुरू में चुनावों में 600 उम्मीदवार थे, लेकिन उम्मीदवारों का पुनरीक्षण करने वाले गार्जियन काउंसिल ने उनमें से सिर्फ सात को चुनाव लड़ने की इजाजत दी.

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तस्वीर: Sobhan Farajvan/Pacific Press/picture alliance

हालांकि ईरान में सबसे शक्तिशाली नेता देश के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयतुल्ला अली खोमेनी हैं, लेकिन औद्योगिक नीति से लेकर विदेशी मामलों तक पर राष्ट्रपति का भी महत्वपूर्ण प्रभाव रहता है. इस बार चुनावों में छह करोड़ मतदाता उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि अति-रूढ़िवादी धार्मिक नेता इब्राहिम रईसी ही जीतेंगे. चुनावों से ठीक एक दिन पहले गार्जियन काउंसिल ने कहा कि यह एक "गंभीर राजनीतिक लड़ाई है".

12-सदस्यीय परिषद के मुखिया अब्बास अली कदखुदाई ने एक प्रेस सम्मलेन में कहा, "मीडिया और जनता ने प्रमाणित किया है कि एक अच्छी प्रतिस्पर्धा हो रही है." कदखुदाई ने मीडिया को बताया कि परिषद द्वारा स्वीकृत किए गए सातों उम्मीदवारों के बीच तीन बार वाद-विवाद प्रतियोगिता हो चुकी है जो टीवी पर प्रसारित भी की गई थी और इन बहसों ने दिखा दिया है कि चुनावों में "गंभीर राजनीतिक प्रतिस्पर्धा" है.

गार्जियन काउंसिल कानूनविदों और मौलानाओं की एक संस्था है जिसके सदस्य चुने हुए नहीं होते हैं. चुनावों में ज्यादा मतदाताओं के वोट डालने की उम्मीद नहीं है.परिषद ने जब करीब 600 उम्मीदवारों में से सिर्फ सात को चुनाव लड़ने की स्वीकृति दी, तब कई मतदाता निराश हो गए. जिन लोगों को चुनाव लड़ने से रोक दिया गया उनमें संसद के पूर्व स्पीकर अली लारीजानी भी थे.

Iran Präsidentschaftwahlen Kandidaten
चुनावों में हिस्सा ले रहे अब्दुलनासिर हेम्मति, मोहसिन रेजाई, आमिर हुसैन हाशमी और इब्राहिम रईसीतस्वीर: AP/picture alliance

गार्जियन काउंसिल से निराशा

लारीजानी ने मांग की कि परिषद, "आधिकारिक और सार्वजनिक रूप से" उन्हें अयोग्य ठहराने के "सभी कारणों को स्पष्ट करे". रूहानी ने बाद में बताया कि उन्होंने सर्वोच्च नेता को एक चिट्ठी लिख कर और ज्यादा "प्रतिस्पर्धा" की अपील की है. खोमेनी ने भी इस बात को माना कि कुछ उम्मीदवारों के साथ "अन्याय" हुआ है, क्योंकि "उन पर और उनके परिवारों पर झूठे आरोप लगाए गए थे". उन्होंने इन उम्मीदवारों के नाम नहीं लिए.

बुधवार को चुनावी अभियान का अंत होने से ठीक पहले बाकी बचे सात उम्मीदवारों में से भी तीन और उम्मीदवारों ने अपना नाम वापस ले लिया. अब प्रतियोगिता में रईसी के अलावा दो और अति-रूढ़िवादी उम्मीदवार ही हैं. इकलौते सुधारवादी उम्मीदवार हैं केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष अब्दुलनासिर हेम्मति. कदखुदाई ने प्रेस सम्मलेन में कहा कि उम्मीदवारों का "चुनावी कानून" के आधार पर पुनरीक्षण किया गया था और "गार्जियन काउंसिल के कोई भी राजनीतिक विचार नहीं हैं".

देश में कई लोग सालों से चल रहे आर्थिक संकट के दर्द की वजह से हतोत्साहित हैं. यह संकट अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से उत्पन्न हुआ था और कोविड-19 महामारी की वजह से और गंभीर हो गया. चुनाव भी ऐसे समय पर हो रहे हैं जब ईरान दुनिया की बड़ी ताकतों के साथ अपनी परमाणु संधि को फिर से जीवित करने के लिए बातचीत कर रहा है. तीन साल पहले डॉनल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका ने खुद को संधि से पीछे खींच लिया था.

सीके/एए (एएफपी)

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