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ईरान के राष्ट्रपति से मिलने को डॉनल्ड ट्रंप तैयार कैसे हो गए

२७ अगस्त २०१९

फ्रांस के बियारित्स में जी7 की बैठक के दौरान पूरे समय कुछ चुप से रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने ईरान के राष्ट्रपति से मुलाकात पर रजामंदी जता कर हलचल मचा दी है.

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Frankreich | G7-Gipfel in Biarritz
तस्वीर: picture-alliance/dpa/M. Kappeler

सोमवार को राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा कि वह वह ईरानी राष्ट्रपति हसन रोहानी से अगले कुछ हफ्तों में मुलाकात करेंगे अगर परिस्थितियां सही हुईं. डॉनल्ड ट्रंप का कहना है कि वह 2015 के परमाणु करार पर चली आ रही तनातनी को खत्म करने पर बात करेंगे और इसके लिए भी बातचीत की जा रही है कि ईरान की अर्थव्यस्था को चलाते रहने के लिए कैसे देश कर्ज का रास्ता खोल सकते हैं. हालांकि ट्रंप ने जी7 की बैठक के दौरान ईरान को हुए नुकसान की भरपाई के लिए प्रतिबंधों को हटाने से इनकार किया. ट्रंप ने पत्रकारों से कहा कि उनके और राष्ट्रपति रोहानी की मुलाकात पर विचार करना उचित है. इसके साथ ही उन्होंने ईरान को "जबर्दस्त संभावना" वाला देश कहा. ट्रंप ने कहा, "मेरी भावना अच्छी है, मुझे लगता है कि वह (हसन रोहानी) मिलना चाहते हैं और परिस्थिति को ठीक करना चाहते हैं. बहुत तकलीफ हो रही है."

Hasan Rouhani
ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी भी ट्रंप से मिलने को तैयार दिख रहे हैं.तस्वीर: Irna

जी7 के मेजबान फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने इसी कांफ्रेंस में कहा कि ईरानी राष्ट्रपति ने उनसे कहा है कि वे डॉनल्ड ट्रंप से मिलने को तैयार होंगे. माक्रों ने यह भी कहा है कि इन दोनों की मुलाकात अगले कुछ हफ्तों में हो सकती है. ट्रंप और रोहानी सितंबर में संयुकत्त राष्ट्र की आमसभा में मौजूद होंगे. ऐसे में उम्मीद जताई जा सकती है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो यह मुलाकात आम सभा के दौरान अलग से हो सकती है. ईरानी राष्ट्रपति हसन रोहानी ने ट्रंप से मुलाकात पर रजामंदी दिखाई है. ईरान के राष्ट्रपति की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक रोहानी ने कहा है, "अगर मैं जानता हूं कि किसी से मुलाकात कर मेरे देश की समस्या का समाधान हो सकता है तो मैं हिचकूंगा नहीं क्योंकि मुख्य मुद्दा है देश का राष्ट्रीय हित." डॉनल्ड ट्रंप और हसन रोहानी की मुलाकात में जो कुछ भी तय होता है उसे अमेरिका के प्रबल विरोधियों में एक ईरान के सुप्रीम कमांडर अयातोल्लाह खमेनेई की मंजूरी लेनी होगी.

G7-Gipfel in Frankreich Treffen Sarif und Macron
जावेद जरीफ के साथ बियारित्स में बातचीत तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/Twitter Javad Zarif

यूरोपीय नेता लंबे समय से अमेरिका और ईरान के बीच तनाव को घटाने की कोशिश कर रहे हैं. बीते साल अमेरिकी राष्ट्रपति ने ईरान के साथ छह देशों के परमाणु करार से बाहर आने का एकतरफा एलान कर दिया और ईरान पर भारी प्रतिबंध लगा दिए. फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने इस साल की गर्मियों में पूरा समय इस तैयारी में बिताया है जिसका नतीजा सोमवार को ट्रंप के बयान के रूप में दिखा. माक्रों किसी भी तरह से दोनों देशों को बातचीत की टेबल पर लाना चाहते हैं. माक्रों का कहना है, "मुझे उम्मीद है कि अगले कुछ हफ्तों में इस बातचीत के आधार पर हम राष्ट्रपति रोहानी और राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात देख सकेंगे." इसके साथ ही माक्रों ने यह भरोसा जताया कि अगर इन दोनों नेताओं की मुलाकात होती है तो एक समझौता भी हो सकता है.

माक्रों की कोशिशों ने रविवार को बड़ा नाटकीय मोड़ लिया जब ईरानी विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ अचानक बियारित्स आ गए. जावेद जरीफ पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगाया है और वह अमेरिका नहीं जा सकते. संक्षिप्त यात्रा में जावेद जरीफ ने माक्रों के अलावा जर्मनी और ब्रिटेन के अधिकारियों से मुलाकात की.  हालांकि कुछ विशेषज्ञ अब भी ट्रंप और रोहनाी की मुलाकात पर आशंका जता रहे हैं उनका कहना है कि जब तक ईरान के तेल निर्यात को रोकने के लिए लगे प्रतिबंधो को निलंबित नहीं किया जाता ईरानी राष्ट्रपति इस मुलाकात के लिए तैयार नहीं होंगे. हालांकि एक विशेषज्ञ ने यह भी कहा है कि माक्रों की योजना ईरान को आर्थिक राहत दिलाने की है और इसमें अमेरिकी प्रतिबंधों को हटाना शामिल नहीं है.

G7-Gipfel in Frankreich
ट्रंप ने माक्रों को जी7 के सफल आयोजन की बधाई दी.तस्वीर: picture-alliance/dpa/F. Mori

ईरान बीते कुछ समय से आक्रामक तेवर दिखा रहा है और उसका कहना है कि वह अमेरिकी हितों पर हमला कर सकता है. उधर ट्रंप का कहना है, "वे वह नहीं करेंगे जो वे कह रहे हैं क्योंकि अगर उन्होंने ऐसा किया तो उन्हें बेहद हिंसक बल का सामना करना होगा. मेरे ख्याल से वे अच्छे बने रहेंगे." ट्रंप ने कहा कि वह ईरान को किसी तरह के नुकसान की भरपाई नहीं करेंगे. हालांकि उन्होंने कहा कि बातचीत इस पर होगी कि कुछ देश ईरान को कर्ज दे सकें.

ट्रंप ने कहा, "नहीं, हम भुगतान नहीं करेंगे, हम भुगतान नहीं करते. लेकिन उन्हें कुछ पैसों की जरूरत हो सकती है ताकि वे बेहद मुश्किल स्थिति से उबर सकें और इसका सुरक्षित रास्ता तेल के जरिए निकाला जा सकता है, जो मेरे लिए एक बड़ी सुरक्षा है और उनके पास बहुत सारा तेल है.. तो हम लेटर ऑफ क्रेडिट के बारे में बात कर रहे हैं. यह कई देशों की तरफ से होगा, कई देशों."

2015 में ईरान और छह देशों के बीच पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के नेतृत्व में करार हुआ था जिसका मकसद था ईरान के नाभिकीय संवर्धन पर रोक लगाना. इसके बदले में तेहरान पर कई प्रकार के अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को हटाया गया. पिछले साल इस करार से बाहर निकलने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ईरान पर "अत्यधिक दबाव" की नीति पर चल रहे हैं ताकि ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम और मध्यपूर्व के कई हथियारबंद गुटों को उसके समर्थन पर रोक लगाई जा सके.

फिलहाल ऐसा लग रहा है कि फ्रांस के राष्ट्रपति की कूटनीतिक कोशिशें रंग लाई हैं. फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने ईरानी विदेश मंत्री को बियारित्स बुला कर एक बड़ा जोखिम लिया था लेकिन ट्रंप ने अपने बयान से इस कोशिश को बल दिया और साथ ही ईरान के खिलाफ अपने सुर में थोड़ी नरमी भी दिखाई है. ओबामा प्रशासन से रिचर्ड नेफ्यू उस टीम में शामिल थे जिसने ईरान के साथ परमाणु करार की रूपरेखा तैयार की. नेफ्यू का कहना है, "मेरा ख्याल है कि अगर प्रतिबंधों को तुरंत निलंबित नहीं किया जाता तो रोहानी के साथ हाथ मिलाना या फिर फोटो खिंचाना भी बहुत मुश्किल होगा."

ट्रंप और रोहानी की मुलाकात की बात का आगे बढ़ना इस बात पर भी निर्भर करेगा कि परमाणु करार को तोड़ यूरेनियम संवर्धन को ऊपर ले जा रहा ईरान उस प्रक्रिया को रोकता है या नहीं. ट्रंप का कहना है कि वह ईरान को "अच्छे ईरान, सचमचु मजबूत" ईरान के रूप में देखना चाहते हैं. ट्रंप ने यह भी कहा कि वह ईरान में सत्ता परिवर्तन नहीं चाहते. ट्रंप ने कहा, "मैं जानता था कि वह (जरीफ) आ रहे हैं और मैंने इस सच्चाई का सम्मान किया. हम ईरान को फिर से अमीर बनाने के बारे में सोच रहे हैं, उन्हें अमीर बनने दीजिए, उन्हें अच्छा करने दीजिए, अगर वे ऐसा चाहते हैं."

इसके साथ ही ट्रंप ने कहा, "हम बस इतना चाहते हैं कि वे गैर परमाणु ताकत वाला देश रहे. हम बैलिस्टिकि मिसाइल के बारे में बात करने जा रहे हैं, बस समय तय होना बाकी है, लेकिन उन्हें आतंकवाद रोकना होगा. मुझे लगता है कि वे बदलने जा रहे हैं. मैं सचमुच यही मानता हू्ं." ट्रंप ने कहा कि जरीफ से इस वक्त उनकी मुलाकात थोड़ी जल्दबाजी होगी.

एनआर/आईबी(रॉयटर्स)

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