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उतरते समय होते हैं अक्सर विमान हादसे

२२ मई २०१०

हवाई उड़ान में विमान को ज़मीन पर उतारना उड़ान का सबसे जोखिम भरा हिस्सा होता है. अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन संगठन आईसीएओ के अनुसार आधे से अधिक दुर्घटनाएं विमान को उतारते समय होती हैं.

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तस्वीर: DW-TV

विमान को उतारने वाला हिस्सा पूरी उड़ान का सिर्फ़ पांच फ़ीसदी होता है, लेकिन इसी अवधि के दौरान दुर्घटनाएं होती हैं.

15 मई को लीबिया की विमान सेवा अफ़्रिकिया एयरवेज़ का एक विमान त्रिपोली के हवाई अड्डे पर उतरते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. हादसे में 103 लोग मारे गए. सिर्फ़ एक नौ वर्षीय बच्चा जीवित बचा. इसके पहले 10 अप्रैल को रूसी शहर स्मोलेंस्क में एक टीयू-154 प्रकार का विमान हादसे का शिकार हो गया. विमान दुर्घटना में मारे गए 96 लोगों में पोलैंड के राष्ट्रपति लेख काचिंस्की भी सवार थे.

एयर इंडिया की दुर्घटना इस वर्ष विमान के उतरने के समय होने वाली तीसरी दुर्घटना है. सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार पिछले साल लैंडिंग के दौरान चार विमान दुर्घटनाएं हुईं थीं.

आंकड़ों को देखते हुए टेक ऑफ़ के दौरान विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने का ख़तरा अत्यंत कम होता है. अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन संगठन आईसीएओ के अनुसार टेक ऑफ़ के समय लैंडिंग के मुक़ाबले सिर्फ़ आधी दुर्घटनाएं होती हैं. हालांकि पिछले साल ऐसी तीन दुर्घटनाएं हुई थीं. अगस्त 2008 में स्पेनी विमान सेवा स्पैनएयर का एक विमान मैड्रिड हवाई अड्डे पर उड़ान भरते ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इसमें 154 लोग मारे गए थे.

रिपोर्ट: डीपीए/महेश झा

संपादन: आभा मोंढे