उनकी कलम से...
ब्राजील के लेखक न केवल सामाजिक मतभेदों बल्कि विवादों और आलोचनाओं के बारे में भी बेहिचक और निडर हो कर लिखते आए हैं. एक नजर ब्राजील के इन साहित्यकारों पर...
आंद्रेया डेल फुएगोः जादुई सच्चाई
उनका पहला जर्मन उपन्यास 'सिब्लिंग्स ऑफ द वॉटर' जुलाई 2013 में जर्मनी के बाजार पहुंचा. यह तीन भाई बहनों की कहानी है, जिनकी जिंदगी के रास्ते अलग हैं. 1975 में पैदा हुई ब्राजील की आंद्रेया दोस सांतोस लिखने के लिए आंद्रेया डेल फुएगो नाम इस्तेमाल करती हैं.
मिल्टन हातूम
उनके माता पिता लेबनान से आए थे. दोनों दुनिया के बीच वह व्याख्याकार के रूप में जाने जाते हैं. हातूम अपना साहित्य भी लिखते हैं और दूसरों का अनुवाद भी करते हैं. उनकी किताबें ऐशेज ऑफ अमेजन और टू ब्रदर्स 14 भाषाओं में अनुवादित की जा चुकी हैं.
फर्नान्डो मोरेस
पत्रकारिता उनका जुनून है. पटकथा लेखक फर्नान्डो अपने उपन्यास किसी रिपोर्टाज की तरह लिखते हैं. उनकी लगभग सभी किताबें फिल्मों में रूपांतरित की गई हैं, जिनमें ओल्गा भी शामिल है. इसमें एक जर्मन कम्युनिस्ट की कहानी है जिसे ब्राजील ने पकड़ कर नाजियों के हाथों सौंप दिया.
चीको बुआर्क
भाषाओं के महारथी चीको ब्राजील में संगीतकार और गायक होने के साथ एक लेखक के रूप में मशहूर हैं. सामाजिक मुद्दों पर उनके आलोचनात्मक उपन्यासों का जर्मन भाषा में भी अनुवाद मौजूद है. इनमें द हंटेड और बूडापेस्ट शामिल हैं. इस साल उनका ताजा उपन्यास स्प्लिट मिल्क भी जर्मन में छपेगा.
जोआओ उबाल्दो रिबेइरो
रिबेइरो ने ब्राजील के इतिहास और परंपरा में खुद को डुबो कर लिखा है. 1941 में बाहिया में पैदा हुए लेखक ने 1971 में अपने पहले राजनीतिक उपन्यास सारगेंटो गेटूलियो के साथ नाम कमाया. बर्लिन की दीवार गिरने के बाद वह अ ब्राजीलियन इन बर्लिन के कमेंटेटर के रूप में भी जाने गए.
क्लैरिस लिस्पेक्टर
उनके साहित्य में विद्रोह की गंध है. लिस्पेक्टर का सामाजिक आलोचना से भरा उपन्यास नियर टू द वाइल्ड हार्ट ने उस समय तानाशाह गेटूलियो वरगास का ध्यान आकर्षित किया. अपने लेखन में उन्होंने रोजमर्रा जिंदगी से जुड़े भावनात्मक तानों बानों और उलझनों को बड़ी खूबसूरती से बयान किया है.
होर्खे अमादो
अमादो ने अपने लेखन में ब्राजील में कार्निवल, कोको और रुढ़िवादी रहन सहन को वहां के उतार चढ़ाव भरे जीवन के साथ बयान किया है. सड़कों पर पलने वाले बच्चे और यौनकर्मी उनकी प्रेरणा बने. उनके साहित्य का 49 भाषाओं में अनुवाद हुआ है और कई किताबों पर फिल्में भी बनाई जा चुकी हैं.
गिमारीस रोसा
रोसा ने लेखन के अलावा बतौर ब्राजीलियाई सेना में राजनयिक और डॉक्टर भी काम किया. लेकिन उनकी किताबों ग्रांदे सेर्ताओ और द डेविल टू पे इन द बैकलैंड्स के आने के बाद वह ब्राजील के कुछ बेहद मशहूर लेखकों में शुमार हो गए.
मशादो डी आसिस
जोयाकिम मारी मशादो दे आसिस आज भी ब्राजीलियाई साहित्य का सबसे बड़ा नाम माने जाते हैं. 1899 में आया उनका उपन्यास डोम कास्मुरो एक उदीयमान पादरी की कहानी थी. इस साल फ्रैंकफर्ट पुस्तक मेले में इस किताब का जर्मन अनुवाद मौजूद है.