असमानता खत्म करने का वादा
२९ जनवरी २०१४अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने अपने सालाना भाषण में कहा, "मैं आपके साथ मिल कर काम करने को तैयार हूं. लेकिन अमेरिका रुकने वाला नहीं है. और न ही मैं. तो अगर आपकी सहमति के बगैर भी मुझे कदम उठाने पड़े, तो मैं ऐसा जरूर करूंगा." उन्होंने कहा कि अगर कानूनों पर उन्हें सांसदों का समर्थन नहीं मिलता है, तो वह अपने दम पर इन्हें लागू करेंगे.
अमेरिकन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एलन लिष्टमन का कहना है, "उन्हें कुछ असामान्य चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. हाल के दिनों में उनका ग्राफ बहुत नीचे गया है और उन्हें इसे फिर से जगाने की जरूरत है." हताशा के दौर में ओबामा ने कहा है कि वह हर संभव कदम उठा सकते हैं, चाहे सांसद उन्हें समर्थन दें या नहीं. अमेरिकी संसद में इस साल नवंबर में चुनाव होने हैं. पोल्सटर गैलप का ताजा सर्वे बताता है कि सिर्फ 41 फीसदी लोग ओबामा के कार्यकाल का समर्थन कर रहे हैं, जबकि 50 प्रतिशत उनके खिलाफ हैं.
पिछले साल ओबामा ने ज्यादातर मुद्दों पर कोई कदम नहीं उठाया, जिसके बाद से उन पर सवाल उठने लगे हैं. दिसंबर, 2012 में एक अमेरिकी स्कूल में गोलीबारी के बाद उन्होंने बंदूक कानून में बदलाव की बात कही थी. इसके बाद उनके भाषण पर संसद में लोगों ने खड़े होकर तालियां बजाईं, लेकिन जब वोटिंग की बारी आई, तो यह फेल हो गया. उन्होंने नागरिकता पर अपना फॉर्मूला दिया था और कहा था कि गैरकानूनी ढंग से अमेरिका में रह रहे लाखों लोगों को नागरिक बनाया जाएगा. यह मुद्दा संसद के ऊपरी सदन सीनेट में तो पास हो गया लेकिन निचले सदन यानी प्रतिनिधि सभा में लटका पड़ा है.
अब ओबामा कह रहे हैं कि इन मुद्दों पर अगर संसद उनका साथ नहीं भी देती है, तो वह आगे बढ़ेंगे. अमेरिकी कानून के मुताबिक यह संभव है. लेकिन अगर वह ऐसा करते हैं, तो उन्हें अपने लक्ष्य पूरा करने में काफी कठिनाई हो सकती है. अगर कांग्रेस की सहमति हो तो उनका रास्ता आसान हो सकता है.
उन्होंने न्यूनतम वेतन बढ़ाने की बात कही है. लेकिन कांग्रेस की रजामंदी के बगैर वह सभी कर्मचारियों के वेतन नहीं बढ़ा सकते हैं. हां, वह ऐसा कानून पास कर सकते हैं, जिसके मुताबिक नई नौकरियों के लिए बेहतर वेतन देने की बात कही जा सकती है. टिप्पणीकार रॉन फोरनियर का कहना है कि अहम मुद्दों पर उन्हें कांग्रेस की मदद की जरूरत पड़ेगी ही, "लगता है कि ओबामा ने अपने शक्तिशाली दफ्तर के सामने समर्पण कर दिया है."
इस बीच, रिपब्लिकन पार्टी ने कहा है कि अगर ओबामा विशेषाधिकार का प्रयोग करते हैं, तो यह गैर संवैधानिक होगा. सीनेटर टेड क्रूज ने कहा है कि कार्यकारी आदेशों से अराजकता फैल सकती है. प्रतिनिधि सभा के स्पीकर जॉन बेनर का कहना है, "रिपब्लिकन सांसद लगातार इस बात पर नजर रखेंगे कि क्या राष्ट्रपति ओबामा ईमानदारी से विशेषाधिकार का प्रयोग कर रहे हैं. हम इस पर खास नजर रखेंगे क्योंकि हम सभी ने एक संविधान की शपथ ली है. उन्होंने भी."
एजेए/एमजे(एएफी, डीपीए, एपी)