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एक वफादार दोस्त

२७ अप्रैल २०१०

जर्मन शहर हिल्डेस्हाइम में पुलिस कई दिनों से एक ऐसे कुत्ते को हाइवे से बाहर करने की कोशिश कर रही है जो बार बार एक ही जगह वापस आता है. इसी जगह कुत्ता और उसके मालिक हादसे का शिकार बने थे.

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तस्वीर: AP

हादसे से कुत्ते को काफी सदमा पहुंचा है. पिछले तीन दिनों से पुलिस कुत्ते के पीछे लगी हुई हैं, लेकिन ज़ाहिर है कुत्ता बार बार अपने मालिक को ढूंढने वापस हाइवे के उसी जगह पहुंचता है जहां दुर्घटना हुई थी.

कुछ दिन पहले जर्मनी के आउटोबान यानी हाइवे पर कुत्ता अपने 78 वर्षीय मालिक के साथ गाड़ी में जा रहा था. गाड़ी के टक्कर खाने से मालिक और उसकी पत्नी को काफी चोटे आईं लेकिन कुत्ता गाड़ी से बाहर गिर गया औऱ बच निकला. कुत्ते का मालिक और उसकी पत्नी अस्पताल में हैं और उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है.

पुलिस ने इलाके में सारे वाहन चलाकों को चेतावनी दी है कि वह अपनी गाड़ियां ध्यान से चलाएं ताकि कुत्ते को गलती से चोट न लगे. पुलिस के मुताबिक यह कुत्ता एक श्नाउत्सर है, एक ख़ास जर्मन प्रजाति जो अपने मालिक के प्रति प्रेम और वफादारी के लिए जाना जाता है.

इसी तरह का एक किस्सा जापान में 1930 की दशक में हुआ था. हाचिको नाम का एक कुत्ता प्रोफेसर ऊएनो के साथ रहता था. हर शाम वह शिबूया स्टेशन के बाहर अपने मालिक के घर वापस आने का इंतेज़ार करता था. एक दिन प्रोफेसर को दिल का दौरा पड़ा और वह विश्वविद्यालय से वापस ही नहीं आए.

कहते हैं कि प्रोफेसर के मरने के बाद हाचिको किसी के साथ नहीं रह सका और वापस प्रोफेसर के घर जाता रहा. जब प्रोफेसर वहां नहीं मिले तो वह स्टेशन में उनका इंतज़ार करने लगा. अगले नौ सालों तक हर दिन हाचिको अपने मालिक को ढूंढते हुए वहां पहुंचता था.

हाचिको की कहानी अब जापान में मशहूर है. शिबूया स्टेशन के बाहर उसकी एक मूर्ति भी बनी हुई है और जापान के लिए हाचिको वफादारी का प्रतीक बन गया है.

रिपोर्टः एजेंसियां/एम गोपालकृष्णन

संपादनः ओ सिंह