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एक साल में खाड़ी देशों ने कतर का क्या बिगाड़ा

८ जून २०१८

एक साल हो गया जब सऊदी अरब समेत कई खाड़ी देशों ने अचानक कतर से रिश्ते तोड़ लिए. कतर का कहना है कि एक साल से चल रही तनातनी के बावजूद वह कमजोर नहीं, बल्कि और मजबूत हुआ है.

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Katar - Künstliche Insel bei Doha
अंतरिक्ष से कतर की राजधानी दोहा का नजारातस्वीर: picture-alliance/Newscom/UPI/NASA

कतर के विदेश मंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल-थानी का कहना है कि उनका देश विवाद को सुलझाने के लिए खुले दिल से बात करने को तैयार है. लेकिन बीते एक साल में छोटा सा खाड़ी देश कतर जितना मजबूत होकर उभरा रहा, वैसा पहले कभी नहीं था. साथ ही उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वियों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि वे 'काल्पनिक जीत' के दावे कर रहे हैं.

अल-थानी ने ट्विटर पर लिखा, "एक साल हो गया है और कतर और उसके लोग अब ज्यादा मजबूत हुए हैं. काल्पनिक जीतों और कतर को अलग थलग करने की बहुत बातें होती हैं, लेकिन सच्चाई इसके विपरीत है क्योंकि कतर एक अंतरराष्ट्रीय साझादीर के तौर पर उभरा है जिस पर भरोसा किया जा सकता है." 

जानिए क्यों इतना खास है कतर 

5 जून 2017 को सऊदी अरब के नेतृत्व में संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन और मिस्र ने अचानक कतर से अपने संबंध तोड़ लिए थे और उस पर आतंकवाद और ईरान का समर्थन करने का आरोप लगाया था.

जल्द ही कतर को पता चला कि सऊदी अरब से लगने वाले उसके बॉर्डर को बंद कर दिया गया है, उसकी एयरलाइंस को पड़ोसी देशों के वायुक्षेत्र में उड़ने से रोक दिया गया और साथ ही इन चारों देशों में रहने वाले कतर के लोगों को वहां से निकला दिया गया.

उम्मीद थी कि नजदीकी सहयोगी रहे इन देशों के बीच मतभेदों को जल्द दूर कर लिया जाएगा. लेकिन अब भी यह विवाद बना हुआ है. कतर इस विवाद को अपनी संप्रभुता पर हमला मानता है. उसका कहना है कि उसे स्वतंत्र विदेश नीति अपनाने की सजा दी जा रही है.

कुवैत और अमेरिका दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता की कोशिश कर रहे हैं. सितंबर उनके बीच बातचीत कराने की एक अस्थायी योजना तैयार की गई है.

अल-थानी का कहना है कि उनकी तरफ से बातचीत के दरवाजे खुले हुए हैं. हालांकि उन्होंने कतर की सरकारी मदद से चलने वाले अल जजीरा चैनल से बातचीत में कहा कि कतर रूसी एस-400 डिफेंस मिसाइल सिस्टम को खरीदने से पीछे नहीं हटेगा. सऊदी नेताओं ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों से हस्तेक्षप कर इस डील को रुकवाने का आग्रह किया था. ऐसे में, इस डील के कारण क्षेत्र में तनाव बढ़ने के आसार हैं.

कौन हैं कतर के अमीर 

कतर दुनिया में अपना सैन्य प्रोफाइल भी बढ़ाना चाहता है. कतर के रक्षा मंत्री खालिद बिन मोहम्मद अल-अथियाह ने कहा है कि उनका देश नाटो में शामिल होना चाहता है. उन्होंने कतर की एक रक्षा पत्रिका से बातचीत में कहा, "अगर नाटो के साथ हमारी साझेदारी विकसित होती है और हमारा विजन स्पष्ट है, तो हमारी महत्वाकांक्षा पूर्ण सदस्यता है."

कूटनीतिक संकट के बावजूद, कतर में बहुत से लोग पिछले एक साल के घटनाक्रम को जीत के तौर पर देखते हैं. पांच जून को कतर के कई अखबारों ने इस तरह की सुर्खियां लगाईं, "विजयी कतर एकजुट है" और "कतर चमक रहा है, उसके खिलाफ कलंकित मुहिम नाकाम हुई." कई टैक्सी कंपनियों ने लोगों को मुफ्त में सवारी का ऑफर दिया तो कई लोगों ने 5 जून को सरकारी छुट्टी घोषित करने की मांग की.

इस बीच कतर की राष्ट्रीय मानवाधिकार कमेटी ने एक अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि पिछले एक साल में सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन के द्वारा कतरी लोगों के मानवाधिकार हनन के चार हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं.

रिपोर्ट कहती है कि कतरी लोगों को बिना वजह गिरफ्तार किया गया और उनके आने जाने पर भी पाबंदियां लगाई गईं. सऊदी गठबंधन की तरफ से इस बारे में कोई बयान सामने नहीं आया है.

अगस्त में दुनिया भर के मुस्लिम श्रद्धालु हज यात्रा के लिए सऊदी अरब के मक्का जाएंगे. सऊदी सरकार ने पिछले दिनों कहा कि उमरे की इच्छा रखने वाले कतरी लोगों का स्वागत किया है. लेकिन साथ ही उसने कतर के अधिकारियों पर "नकारात्मक नजरिया" रखने का आरोप भी लगाया.

कूटनीतिक विवाद शुरू होने के बाद से ही कतर सऊदी अरब पर आरोप लगाता रहा है कि वह हज समेत मक्का की धार्मिक स्थलों की यात्राओं का राजनीतिकरण कर रहा है. हज यात्रा इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है. जो मुसलमान सक्षम हैं, उनके लिए जीवन में एक बार हज यात्रा लाजिमी मानी जाती है.

एके/ओएसजे (एएफपी)

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