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एर्दोवान बनेंगे तुर्की के नए राष्ट्रपति

११ अगस्त २०१४

तुर्की के प्रधानमंत्री रेजेब तईब एर्दोवान ने राष्ट्रपति चुनाव जीतकर इतिहास बना दिया है. तुर्की की जनता पहली बार सीधे तौर पर राष्ट्रपति पद के लिए वोट डाले.

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तस्वीर: REUTERS

एर्दोवान की कामयाबी से तुर्की राष्ट्रपति शासन की ओर बढ़ रहा है और आलोचकों को डर है कि एर्दोवान सरकार तानाशाही में बदल सकती है. 60 साल के एर्दोवान ने अपने विजय पर कहा, "आज का दिन तुर्की के लिए मील का पत्थर है, आज तुर्की का जन्मदिन है, जब वह अंगारों से दोबारा पैदा हुआ है."

एर्दोवान ने 52 प्रतिशत वोट जीते. अकसम अखबार ने इसे "जनता की क्रांति" बताया तो कुछ अखबारों ने इसे ऐतिहासिक विजय और एर्दोवान को "जनता का राष्ट्रपति" कहा.

संविधान में बदलाव

Präsidentschaftswahl in der Türkei Erdogan Anhänger 10.08.2014
तस्वीर: REUTERS

एर्दोवान ने कहा है कि वह वर्तमान कानूनों के तहत अपनी सारी ताकत का इस्तेमाल करेंगे. अब तक तुर्की के राष्ट्रपतियों ने देश के प्रशासन में निर्णायक भूमिका नहीं निभाई है. लेकिन एर्दोवान यह बदलना चाहते हैं, वह संविधान में संशोधन करके एक कार्यकारी राष्ट्रपति पद बनाना चाहते हैं. उन्होंने कहा, "मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि मैं सात करोड़ 70 लाख लोगों का राष्ट्रपति बनूं, केवल उन लोगों का नहीं, जिन्होंने मुझे वोट किया है. मैं ऐसा राष्ट्रपति हूंगा जो हमारे देश के झंडे के लिए, देश के लिए और जनता के लिए काम करेगा."

लेकिन एर्दोवान के लिए रास्ता इतना आसान नहीं. तुर्की के अंताल्या इलाके में भले ही एर्दोवान के समर्थक हों लेकिन बाकी इलाकों में विपक्षी पार्टी के एकमेलेद्दीन इसानोग्लू और कुर्दी सेलाहत्तीन देमीर्तास को पंसद किया जा रहा है. एर्दोवान के आलोचक चेतावनी देते हैं कि उनकी पार्टी इस्लाम के सिद्धांतों पर गठित की गई है और एर्दोवान के आने से तुर्की का यूरोपीय संघ में शामिल होना और मुश्किल हो जाएगा.

एर्दोवान की तानाशाही

Präsidentschaftswahl in der Türkei Erdogan 10.08.2014
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo

थिंक टैंक स्पीरा सोवरेन स्ट्रैटजी के निकोलास स्पीरो कहते हैं कि एर्दोवान को लेकर यह भी डर है कि वह ताकत को अपने तक सीमित रखेंगे, "वह प्रधानमंत्री के तौर पर सबको आदेश देते रहे और राष्ट्रपति की हैसियत से भी वह ऐसा ही करेंगे. तुर्की का अगला प्रधानमंत्री एर्दोवान के साये में शासन करेगा."

तुर्की में अब सत्ताधारी पार्टी नए प्रधानमंत्री के लिए बातचीत शुरू कर रही है. आने वाले हफ्तों में एर्दोवान अपनी एके पार्टी की बैठकों की अगुवाई करेंगे और नए प्रधानमंत्री के चुनाव के लिए रास्ता तैयार करेंगे. एके पार्टी के जानकारों का कहना है कि विदेश मंत्री अहमद दावुतोग्लू को पद के लिए चुना जा सकता है. वह एर्दोवान के करीबी माने जाते हैं.

एमजी/ओएसजे(रॉयटर्स, एपी)