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एवरेस्ट से छलांग लगाएंगी भारत की अर्चना

२२ अगस्त २०१०

भारत की महिला बेस जम्पर अर्चना सरदाना दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर से छलांग लगाने की तैयारी कर रही हैं. 19 नवंबर को अर्चना माउंट एवरेस्ट से छलांग लगाएंगी. जोखिम भरी बेस जम्पिंग के पीछे है एक खास मकसद.

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माउंट एवरेस्टतस्वीर: DW/Nestler

38 साल की अर्चना सरदाना एवरेस्ट की तीखी ढाल पर स्कीईंग करते हुए उतरना चाहती हैं. उनकी योजना है कि स्कीईंग के दौरान ही एवरेस्ट चोटी से हजारों मीटर की गहरी खाई में छलांग लगा दें. नुकीली बर्फीली वादियों में गिरती चली जाएं और आखिर में पैराशूट खोलकर स्कीईंग के सहारे अपने करतब को अंजाम दें.

चंडीगढ़ की बेस जम्पर अर्चना दुनिया की कई दूसरी चोटियों पर ऐसा कर चुकी हैं. पुराने अनुभवों के बारे में वह कहती हैं, ''मेरी सबसे जोखिम भरी छलांग कैलीफोर्निया वाली थी. मैंने अपने शरीर पर तिरंगा लपेटा था और 200 लोगों को पीछे छोड़ते हुए मैं मुश्किल मानी जाने वाली चोटी से कूद पड़ी.''

लेकिन एवरेस्ट के लिए उन्हें ज्यादा तैयारी करनी पड़ रही है. मिशन एवरेस्ट के लिए वह अमेरिका में ट्रेनिंग भी ले रही हैं. जोखिम के बारे में वह कहती हैं कि आपके सिर्फ पास पैराशूट होता है. आपके पास कोई दूसरा या इमरजेंसी पैराशूट नहीं होता.

एवरेस्ट से छलांग लगाने के लिए 19 नवंबर की तारीख तय कर दी गई है. उस दिन भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती है. अर्चना चाहती हैं कि उनकी जोखिम भरी छलांग से भारतीय महिलाओं का भला हो. वह अपने मिशन को कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ मुहिम बनाना चाहती हैं.

अर्चना कहती हैं, ''महिलाओं को कमजोर माना जाता है. यह भ्रांति फैलाई जाती है कि शारीरिक बनावट के चलते वह हैरतंगेज खेलों के लायक नहीं हैं. मैं दुनिया को बताना चाहती हूं कि भारतीय महिलाएं किसी से कम नहीं हैं. वे किसी भी तरह के अन्याय को बर्दाश्त नहीं कर सकतीं.''

रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह

संपादन: वी कुमार

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