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एशिया पर ललचाईं विदेशी यूनिवर्सिटियां

२४ फ़रवरी २०१४

विदेशी यूनिवर्सिटियों में पढ़ना एशियाई छात्रों का सपना रहता है, लेकिन महंगे खर्च के चलते हर किसी के लिए यह संभव नहीं. एशियाई छात्रों को रिझाने के लिए कई यूरोपीय यूनिवर्सिटियां मलेशिया में शेयर्ड कैंपस बना रही हैं.

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तस्वीर: Fotolia/D. Presti

दूरी और विदेश में पढ़ाई के महंगे खर्च के चलते विदेशी यूनिवर्सिटियों में पढ़ने के इच्छुक एशियाई छात्र अक्सर यह सपना बीच में ही छोड़ देते हैं. मलेशिया के एडुसिटी कैंपस में 123 हेक्टेयर के फैलाव वाले क्षेत्र में कई यूरोपीय यूनिवर्सिटियों के आ जाने से एशियाई छात्रों के साथ इन यूनिवर्सिटियों को भी फायदा हो रहा है. जहां यूनिवर्सिटियों को एशिया में पैर जमाने का मौका मिल रहा है वहीं छात्रों के लिए खर्च यूरोप में पढ़ने से कहीं कम है.

सस्ता भी नाम भी

ब्रिटेन की न्यूकासल यूनिवर्सिटी के मेडिकल स्कूल की फीस एक लाख बीस हजार पाउंड है. इसके अलावा वहां पढ़ने जाने वाले छात्रों के लिए रहने और खाने का खर्च अलग से होता है. जबकि मलेशिया में इसी यूनिवर्सिटी के कैंपस में पढ़ने के लिए मलेशियाई छात्र कनेश राजू को इसका 60 फीसदी ही चुकाना पड़ रहा है. यूनिवर्सिटी कैंपस की लाइब्रेरी में पढ़ने आए राजू ने बताया, "प्रसिद्ध यूनिवर्सिटी से डिग्री हासिल करने की वजह से मुझे मलेशिया में दूसरी यूनिवर्सिटी के छात्रों के मुकाबले नौकरी पाने में फायदा मिलेगा."

Symbolbild Power Point Präsentation
तस्वीर: Fotolia/Syda Productions

कई यूनिवर्सिटियों को एक ही कैंपस में स्थापित करने का यह नुस्खा और देशों में भी आजमाया जा चुका है. मलेशिया की सरकार इस बात पर ध्यान दे रही है कि वे दुनिया भर की खास यूनिवर्सिटियों के चुनिंदा विभाग ही अपने यहां लाएं. एशिया के दूसरे देशों से भी छात्र मलेशिया पढ़ने जा रहे हैं. विदेशी यूनिवर्सिटियों को भी इससे एशिया के फल फूल रहे शिक्षा बाजार का फायदा उठाने का मौका मिल रहा है.

बड़ा लक्ष्य

ब्रिटिश सरकार के आकड़ों के मुताबिक 2008 से 2012 के बीच ब्रिटेन की यूनिवर्सिटियों में यूरोपीय संघ के बाहर के छात्रों की संख्या 20 फीसदी बढ़ी है. अनुमान है कि 2024 तक करीब 40 लाख छात्र हर साल विदेशी यूनिवर्सिटियों में दाखिला लेंगे जिनमें से एक तिहाई चीन और भारत से होंगे.

एडुसिटी कैंपस में साउथहैंपटन यूनिवर्सिटी के सीईओ जॉन मैकब्राइड कहते हैं, "हमारा मकसद है हम इस अवसर का प्रचार स्थानीय स्तर पर कर सकें. हमारा लक्ष्य है इंडोनेशिया, वियतनाम, थाईलैंड, चीन और भारतीय बाजार तक पहुंचना."

एडुसिटी कैंपस का काम मलेशियाई विकास क्षेत्र के अंतर्गत 2011 में शुरू हुआ था. काम अभी पूरा नहीं हुआ है. कैंपस में छह यूनिवर्सिटियों के विभाग हैं जिनमें न्यूकासल के अलावा साउथहैंपटन का इंजीनियरिंग प्रोग्राम, नीदरलैंड्स के मैरीटाइम इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के विभिन्न कोर्स और ब्रिटेन की रेडिंग यूनिवर्सिटी भी शामिल हैं. इसके अलावा कैंपस में स्पोर्ट्स मैनेजमेंट का योहान क्रॉयफ इंस्टीट्यूट और कई स्कूल भी हैं. 2015 तक दस इंस्टीट्यूट और आठ यूनिवर्सिटियों के यहां होने की उम्मीद की जा रही है.

एसएफ/एमजे (एएफपी)

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