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एसबीआई ने कर्ज महंगा किया

१६ अगस्त २०१०

नियंत्रण से बाहर जाती महंगाई को काबू में करने के लिए भारत के सबसे बड़े व्यावसायिक बैंक एसबीआई की पहल. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने कार और होम लोन महंगा किया. बैंक में फिक्स डिपॉजिट करने वालों को ज्यादा ब्याज मिलेगा.

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सोमवार को कारोबारी दिन शुरू होते ही एसबीआई ने लैंडिंग रेट 50 बेसिक प्वाइंट बढ़ा दिया. इस बढ़ोत्तरी से कार लोन, होम लोन और औद्योगिक लोन महंगा हो जाएगा. नई दरें तुरंत प्रभाव से लागू हो गई है. घर, कार या कारोबार के लिए लोन लेने वालों को अब 12.25 फीसदी तक की दर से कर्ज चुकाना होगा.

एक जुलाई से लोन के बेस रेट यानी न्यूनतम ब्याज की सीमा 7.5 फीसदी होगी. नए कर्जदारों को लोन कम से कम 7.5 फीसदी दर पर मिलेगा. बदलावों की जानकारी शेयर बाजार की नियामक संस्था सेबी को देते हुए एसबीआई ने कहा, ''बैंक ने प्राइम लैंडिंग के लिए बेंचमार्क 50 बेसिक प्वाइंट बढ़ाकर 11.75 से 12.25 फीसदी कर दिया है. यह 17 अगस्त से प्रभावी होगा.''

वहीं देश के सबसे बड़े बैंक ने फिक्स डिपॉजिट यानी स्थाई जमा खाते पर भी ब्याज दर बढ़ा दी है. एसबीआई में फिक्स डिपॉजिट करने वालों को 1.5 फीसदी ज्यादा ब्याज मिलेगा. उन्हें चार परसेंट तक रिटर्न मिलेगा.

एसबीआई ने ब्याज दरें ऐसे वक्त बढ़ाई हैं जब महंगाई नियंत्रण में आती नहीं दिख रही है. हाल ही में रिजर्व बैंक ने भी बैंक रेट में बदलाव किया था. शनिवार को ही वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने व्यवासायिक बैंकों के प्रमुखों ने ब्याज दर बढ़ाने का आग्रह किया. सरकारी बैंक एसबीआई ने इस पर दो दिन बाद ही अमल कर दिया.

महंगाई काबू में करने के लिहाज से यह अच्छा कदम साबित हो सकता है, बशर्ते ऐसा दूसरे बैंक भी करें. भारतीय बाजार में जरूरत से ज्यादा नकदी बह रही है. कर्ज महंगा करने और फिक्स डिपॉजिट बढ़ाने से नकदी को सोखने में मदद मिलेगी. अर्थशास्त्र में बाजार में ज़रूरत से ज्यादा पैसे के आने महंगाई का मुख्य कारण माना जाता है.

रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह

संपादन: ए कुमार