1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

ऑनर किलिंग पर सख्त हुए शरीफ

३० मई २०१४

पाकिस्तान में एक अदालत के सामने गर्भवती महिला को इज्जत के नाम पर संगसार कर दिया गया. दुनिया भर में बवाल होने के बाद प्रधानमंत्री ने इस पर रिपोर्ट मांगी है. कसूर था कि महिला ने अपनी पसंद से शादी की थी.

https://p.dw.com/p/1C95n
तस्वीर: Reuters

पुलिस ने बताया कि इसी हफ्ते 25 साल की फरजाना इकबाल पर हमला किया गया क्योंकि वह घर वालों की रजामंदी के खिलाफ किसी से शादी कर चुकी थी. प्रधानमंत्री शरीफ के प्रवक्ता ने बताया कि उन्होंने इस "बर्बर हत्या" पर गंभीर कदम उठाया है और इसे पूरी तरह से अस्वीकार्य बताया है. बताया जाता है कि पुलिस और प्रेस के सामने महिला की पत्थर मार मार कर जान ले ली गई.

इकबाल के पति मुहम्मद इकबाल ने बताया कि लाहौर हाई कोर्ट के बाहर करीब 15 मिनट तक महिला दर्द से बिलबिलाती रही लेकिन लोग पत्थर मारते रहे और उस दौरान पुलिस ने कुछ नहीं किया, "मैंने उनसे मदद की भीख मांगी लेकिन उन्होंने कहा कि यह उनका काम नहीं है. मैंने अपना कुर्ता उतार कर दामन फैलाया और उसे बचाने की फरियाद की."

Pakistan Ehrenmord in Lahore 27.05.2014
फरजाना का पति मुहम्मद इकबालतस्वीर: Reuters

क्यों होती है ऑनर किलिंग

भारत की ही तरह पाकिस्तान के कई हिस्सों में भी धर्म और संस्कृति की आड़ में महिलाओं पर जुल्म किए जाते हैं और यहां तक कि उनकी हत्या कर दी जाती है. इसे इज्जत के नाम पर हत्या या ऑनर किलिंग कहा जाता है. अगर कोई महिला प्यार में पड़ जाए, तब तो मुश्किल और बढ़ जाती है. और अगर गलती से शादी से पहले वह गर्भवती हो जाए, तब तो उसकी आफत ही है.

समाज में फैली इस गंदगी को साफ करने पुलिस और प्रशासनिक महकमा भी सामने नहीं आता, क्योंकि धर्म को इसके आड़े ला दिया जाता है. हालांकि लाहौर पुलिस के प्रमुख शफीक अहमद का कहना है कि घटना के वक्त वहां पुलिस नहीं थी, "उन्होंने पिता को गिरफ्तार कर लिया है, जो प्रमुख आरोपी है. यह काम घटना के कुछ ही देर बाद किया गया." अहमद कहते हैं कि जब तक पुलिस वहां पहुंची, महिला दम तोड़ चुकी थी.

इस घृणित कांड के बाद पिता को छोड़ कर बाकी आरोपी फरार हैं. दो भाइयों और एक पूर्व मंगेतर को आरोपी माना जा रहा है. पुलिस ने मारी गई मासूम के पिता के हवाले से कहा है यह जान इज्जत के नाम पर ली गई है. फरजाना का जुर्म यह था कि घर वालों ने शादी के लिए उसके चचेरे भाई को चुना था लेकिन उसने इकबाल से शादी कर ली थी.

क्रूरता की हद

पाकिस्तान में इससे पहले भी ऑनर किलिंग के मामले आए हैं लेकिन इस मामले में क्रूरता की कई नई परतें छिपी हैं. राजधानी इस्लामाबाद में इस घटना के खिलाफ सार्वजनिक तौर पर प्रदर्शन करने वाले कुछ हिम्मती लोगों ने नारे लगाए, "फरजाना के हत्यारों को फांसी दो". महिला कार्यकर्ता फरजाना बारी का कहना है, "महिलाओं के खिलाफ हिंसा बढ़ती जा रही है. उन्हें इज्जत के नाम पर भी मार दिया जा रहा है. आपराधिक न्याय प्रक्रिया काम नहीं कर रही है. यह मामला तो बहुत ही क्रूर था. पुलिस भी वहां थी और बेचारी महिला मार दी गई."

फरजाना के सौतेले बेटे 20 साल के मुहम्मद औरंगजेब ने बताया कि किस तरह एक रिश्तेदार ने उसे घसीट कर गिरा दिया और फिर उसे गोली मारने की कोशिश की. इस बीच उसकी चचेरी बहन ने पास पड़ी ईंट उठा कर उसके सिर पर दे मारी. इकबाल का कहना है, "वह चिल्ला रही थी कि मुझे मत मारो. हम तुमको पैसे देंगे." इकबाल बताते हैं कि किस तरह इसके बाद धीरे धीरे उसका चिल्लाना धीमा पड़ता गया और आखिर में वह खामोश हो गई.

फरजाना की वकील रायगुलां मुस्तफा का कहना है कि उसे पहले भी मारने की कोशिश की गई थी. उनके मुताबिक 12 मई को जब वह अपने पति के साथ दफ्तर में बैठी थी, तब भी उस पर हमला किया गया लेकिन तब इकबाल के कर्मचारियों ने हमलावरों को भगा दिया. मुस्तफा का कहना है, "उसे डर था कि उसे मार दिया जाएगा."

इसमें इज्जत कहां

इस बीच जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कमिश्नर नवी पिल्लई का कहना है कि वह तो ऐसे मामलों में इज्जत शब्द का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहतीं, "किसी महिला को इस तरह मारने में इज्जत तो कहीं नहीं हो सकती."

हालांकि घटना के दो दिन बाद तक पाकिस्तान में इस पर चुप्पी छाई रही. मीडिया ने भी इस पर कोई तवज्जो नहीं दी. पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग का कहना है कि मीडिया में पिछले साल ऐसे 869 मामले आए, जिनमें कई एक ही दिन के थे. हालांकि ऐसे सारे मामले तो सामने आते भी नहीं. पाकिस्तानी मूल की ब्रिटिश मंत्री सैयदा वारसी का कहना है, "हमलावरों को सजा मिलनी चाहिए."

एजेए/एमजे (रॉयटर्स)