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समाज

ओडिशा के लाखों झुग्गी वासियों को मिली छत

२४ जुलाई २०१८

ओडिशा के तटीय इलाकों में बारिश अपने साथ खुशियां लेकर आती है. लेकिन झुग्गियों में रहने वाले हजारों लोगों के लिए यह विपदा से कम नहीं है. यहां बारिश और चक्रवात से उनका घर उजड़ जाता है. लेकिन भविष्य में ऐसा नहीं होगा.

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Indien Gazipur Slum - wo Militär und Polizei aufeinander trafen
तस्वीर: DW/A. Chatterjee

हर साल बंगाल की खाड़ी के ऊपर बनने वाला चक्रवात तटीय ओडिशा के गोपालपुर शहर की बस्तियों को तबाह कर देता है. यहां के ज्यादातर घर कच्चे हैं और तेज हवा अपने साथ टिन की छतों और कमजोर दीवारों को गिरा देती है. 1999 की तबाही को सोचकर आज भी लोग सिहर उठते हैं जिसमें 10 हजार लोगों की जानें गई थीं और करीब 15 मकान तबाह हो गए थे. लेकिन इस बार हालात सुधारने की कोशिश है. ओडिशा सरकार की योजना के मुताबिक, इस बार बस्ती में रहने वालों को घर बनाने के लिए उसी बस्ती में जमीन और कर्ज दिया जाएगा. इससे करीब 10 लाख लोगों को फायदा होगा.ॉ

यहां रहने वाली नीलाबेनी बताती हैं, ''हमारे घर हमेशा कच्चे रहे. हर साल बारिश के बाद अपनी जमापूंजी को नया घर बनाने में लगा देते थे और फिर वह बारिश से उजड़ जाता था.'' जमीन के कागजात दिखाते हुए वह कहती हैं, ''पहली बार कागज पर मेरे पति का नहीं बल्कि मेरा नाम है. पूरे घर पर मेरा हक होगा.''

2011 की जनगणना के मुताबिक, भारत में करीब 6.5 करोड़ लोग झुग्गियों वाली बस्तियों में रहते हैं. 2025 तक देश की आधी आबादी शहरों की ओर पलायन कर जाएगी. ऐसे में सरकार के पास इन्हें बसाना बड़ी चुनौती है. राज्य सरकारों ने सड़कों को चौड़ा करने और निकासी की व्यवस्था पर ध्यान देना शुरू किया है.

चमचमाते शहरों की बदहाल मुस्लिम बस्तियां

हाउसिंग विभाग के कमिश्नर जीएम वथानन कहते हैं, ''जो लोग गांवों से शहर में आए उन्हें कब्जा करने वाला माना जाता है. ये शहर के बाहरी हिस्से में नहीं रहना चाहते क्योंकि काम के लिए उन्हें शहर आना-जाना पड़ता है. ऐसे में झुग्गी बस्तियों को ही विकसित करना सही है.''

इस योजना के लिए इन बस्तियों की ड्रोन कैमरों से मैपिंग की गई और जमीनों का बंटवारा किया गया. उम्मीद की जा रही है कि इस साल के अंत तक घर बनकर तैयार हो जाएंगे. वथानन कहते हैं, ''हम जमीनों की कीमत इतनी बढ़ा चुके हैं कि हम इंसान की कीमत भूल चुके हैं. इस योजना से लाखों लोगों को फायदा होगा.''

वीसी/एमजे (रॉयटर्स)

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