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ओबामा के जश्न में बाजार चिंतित

७ नवम्बर २०१२

फिर राष्ट्रपति बने बराक ओबामा, इससे कुछ नेता खुश हुए तो कुछ ने सीधे आर्थिक सुधार की बात कही है. वहीं, शेयर बाजार ओबामा से ज्यादा खुश नहीं लग रहा है.

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तस्वीर: Reuters

जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल का कहना है कि वह और राष्ट्रपति ओबामा अपने अपने देशों के बीच साझेदारी को आगे बढ़ा सकेंगे. "मैं इस साझेदारी को आगे बढ़ाना चाहती हूं ताकि दोनों देश साझी विदेशी और आर्थिक चुनौतियों का एक साथ सामना कर सके." मैर्केल आर्थिक संकट, अफगानिस्तान में अंतरराष्ट्रीय सेना और ईरान के परमाणु कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं. फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांसोआ ओलांद ने भी ओबामा की जीत के बारे में कहा है कि इससे अमेरिका अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपना काम जारी रखेगा, "ओबामा के चुने जाने का मतलब है कि हमारी साझेदारी बढ़ेगी और हमारे देशों में फिर आर्थिक विकास होगा, बेरोजगारी के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा और मध्यपूर्व जैसे संकटों के लिए सुझाव ढूंढने की कोशिश जारी रहेगी."

जर्मनी, फ्रांस सहित ब्रिटेन भी ओबामा के दोबारा चुने जाने से काफी खुश है. यूरोपीय संघ के वित्त मंत्रियों के प्रमुख ज्यां क्लोद युंकर ने कहा कि जब भी कोई अमेरिकी राष्ट्रपति दोबारा चुना जाता है तो उनके साथ काम करना आसान हो जाता है. युंकर का कहना है कि राष्ट्रपति अपने पहले कार्यकाल के दौरान ज्यादातर घरेलू और राजनीतिक मुद्दों पर ध्यान देते हैं लेकिन दूसरे कार्यकाल में यूरोप और अमेरिका को और करीब लाने की कोशिश की जा सकती है.

Sandy, Hurikan, New York, Wall Street
तस्वीर: dapd

लेकिन शेयर बाजार भी ओबामा के दोबारा चुने जाने पर ज्यादा खुश नहीं नजर आ रहा. दलालों का मानना है कि ओबामा के कार्यकाल के दौरान अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेड अपनी ढीली मुद्रा नीति जारी रखेगा और बाजार में अरबों पैसे डाले जाते रहेंगे. अगर अमेरिकी कांग्रेस आने वाले दिनों में देश के खर्चे पर एकमत नहीं हो पाई तो सरकारी खर्चे में बड़ी कटौती करनी होगी जो अमेरिका में दोबारा मंदी की लहर लाएगी और विश्व अर्थव्यवस्था को धीमा करेगी.

रिपोर्टः एमजी/ओएसजे (डीपीए, पीटीआई, रॉयटर्स, एएफपी)

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