ओबामा से अमेरिका में मिलेंगे मोदी
५ जून २०१४भारतीय मीडिया के मुताबिक भारत के नए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का न्योता स्वीकार किया है. दोनों नेताओं की मुलाकात 26 सितंबर को वॉशिंगटन में होगी. असल में सितंबर में मोदी पहली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने के लिए न्यूयॉर्क जाएंगे.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है, "एक दिन की मुलाकात में सभी लंबित मुद्दों पर चर्चा होगी, मोदी रिश्तों को आगे बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं ताकि उसके आर्थिक फायदे भारत को मिलें."
मोदी का व्हाइट हाउस में जाना देखने लायक होगा. कई विश्लेषक कहते हैं कि मोदी अमेरिका के बजाए चीन के विकास मॉडल से ज्यादा प्रभावित हैं. चीन के साथ उनके रिश्ते भी बेहतर हैं. वहीं अमेरिका 2005 से मोदी को वीजा देने इनकार करता रहा है. तब अमेरिकी प्रशासन ने गुजरात दंगों का हवाला दिया. 2002 में गुजरात में दंगे भड़के, जिनमें करीब 1,000 लोग मारे गए. मृतकों में ज्यादातर मुसलमान थे. मोदी तब राज्य के मुख्यमंत्री थे. उन पर आरोप लगते हैं कि उन्होंने दंगों को रोकने के लिए समय पर ठोस कदम नहीं उठाए. मोदी इससे इनकार करते हैं.
अब नरेंद्र मोदी भारी बहुमत के साथ प्रधानमंत्री बन चुके हैं और पहली अमेरिका यात्रा की तैयारी भी शुरू हो चुकी है. एक इंटरव्यू में वो कह चुके हैं कि "रिश्ते किसी व्यक्ति के साथ हुई निजी घटना से प्रभावित नहीं होने चाहिए."
मोदी जिस विकास मॉडल की बात करते हैं उसमें दुनिया भर के देश अपने लिए बाजार देखते हैं. चाहे वो आधारभूत ढांचा हो या नए उद्योग खड़े करना, अमेरिका, यूरोप, चीन, रूस और जापान इसे बड़ी संभावना के तौर पर देख रहे हैं.
बीते एक साल में नई दिल्ली और वॉशिंगटन के रिश्तों में खटास आई है. दिसंबर 2013 में भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े की गिरफ्तारी ने आग में घी का काम किया. दूसरी ओर अमेरिका चीन की बढ़ती ताकत से निपटने के लिए भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी करना चाहता है.
ओएसजे/एमजे (एएफपी)