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कई गुना महंगी हो जाएगी बीयर

१६ अक्टूबर २०१८

बीयर के शौकीनों के लिए बुरी खबर है. हो सकता है कि आने वाले वक्त में आपको बीयर की दोगुनी कीमत चुकानी पड़े. दरअसल जलवायु परिवर्तन के कारण फसलों की पैदावार पर असर पड़ा है और नतीजा है कि बीयर का उत्पादन भी चपेट में आया है.

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Symbolbild Oktoberfest in München, Bier
तस्वीर: picture-alliance/dpa/S. Hoppe

जलवायु परिवर्तन ने न सिर्फ समुद्र के जलस्तर या जंगलों में आग को बढ़ाया है, बल्कि पूरी दुनिया में बीयर के उत्पादन पर भी बुरा असर डाला है. उत्पादन कम होने से कीमतों में उछाल देखा जा सकता है. जलवायु परिवर्तन के कारण कई इलाके सूखे की चपेट में आ गए हैं, जिसकी वजह से पूरी दुनिया में जौ की पैदावार कम हुई है. बीयर को बनाने में जौ का इस्तेमाल प्रमुख रूप से किया जाता है और इसकी कमी का बीयर के उत्पादन और कीमत पर असर पड़ेगा.  

यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया और ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंगलिया के साझा अध्ययन में पता चला है कि कम पैदावार की वजह से बीयर की कीमतों में उछाल देखा गया है और नतीजन बीयर की खपत कम हुई है. ब्रिटेन, चीन, मेक्सिको और अमेरिका के शोधकर्ताओं ने जलवायु परिवर्तन की पहचान की और कुल 34 क्षेत्रों में जौ की फसल पर अध्ययन किया. इसके बाद इन्होंने जौ की आपूर्ति में आई कमी और बीयर की कीमतों की पड़ताल की.

बीयर की कीमत हो सकती है दोगुनी

अध्ययन से जुड़े कोऑर्डिनेटर और लेखक डाबो गुआन ने डॉयचे वेले से कहा, "ऐसा पहली बार किया गया है." गुआन यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंगलिया में जलवायु परिवर्तन के प्रोफेसर हैं. वह चाहते थे कि पश्चिमी देशों के लोग जानें कि जलवायु परिवर्तन का उनकी जिंदगी पर कितना गंभीर प्रभाव पड़ता है. वह कहते हैं, "भले ही जलवायु परिवर्तन से पश्चिमी देशों को विकासशील देशों की तरह खाने की कमी का सामना न करना पड़े लेकिन यह उनके जीवन की गुणवत्ता पर गंभीर असर डालेगा."

Oktoberfest in der Welt Qingdao, China
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Imaginechina/Yu Fangping

अध्ययन के अनुसार अलग-अलग क्षेत्रों के उत्पादन में करीब 3 से 17 फीसदी तक का नुकसान हुआ है. मौसम के सबसे बुरे प्रभाव के दौरान पूरी दुनिया में बीयर की खपत में 16 फीसदी तक की कमी आ जाएगी. यह 29 अरब लीटर के बराबर है और लगभग इतनी ही बीयर अमेरिका में सालाना पी जाती है. अध्ययन बताता है कि बीयर की खपत चार फीसदी तक घट सकती है और कीमतों में 15 फीसदी का उछाल देखा जा सकता है. जिन देशों में प्रति व्यक्ति बीयर की खपत सबसे अधिक है, वहां भी कुल बीयर की खपत पर असर पड़ेगा. 

इन देशों पर पड़ेगा असर

1.3 अरब की आबादी वाले चीन में बीयर की खपत सबसे ज्यादा होती है. मौसम में हो रहे बदलावों की वजह से वहां बीयर की खपत में कुल 4.34 अरब लीटर की कमी आ सकती है. यह मौजूदा खपत का लगभग 10 फीसदी है. गर्म हवाओं के थपेड़ों और सूखे से जूझ रहे अमेरिका में बीयर की खपत 20 फीसदी तक घट सकती है.

बीयर के लिए मशहूर जर्मनी में भी जलवायु परिवर्तन का असर दिखेगा और यहां करीब 30 फीसदी बीयर की खपत कम हो सकती है. ऐसा हुआ तो यकीनन अक्टूबर फेस्ट कुछ अलग दिखाई देगा. प्रोफेसर गुआन कहते हैं, ''पूर्वी यूरोप में एस्टोनिया, पोलैंड और चेक गणराज्य पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा. यहां बीयर की कीमतों में छह से सात फीसदी बढ़ोतरी हो सकती है. यानी जो बीयर 70 सेंट की मिलती थी, वही अब तीन यूरो की मिलेगी.''

जलवायु परिवर्तन का असर न सिर्फ बीयर, बल्कि वाइन, चाय, कॉफी और चॉकलेट पर भी दिखाई देगा. प्रोफेसर गुआन कहते हैं, ''जलवायु परिवर्तन का प्रभाव आपको मारेगा नहीं, लेकिन जीवनशैली और गुणवत्ता पर असर डालेगा. और शायद इससे लोग जागरूक हों और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कुछ करने को तैयार हो जाएं.''

आने सोफी ब्रैंडलिन/वीसी

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