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कई देशों से रूस के राजदूत निष्कासित

२६ मार्च २०१८

ब्रिटेन के नक्शे कदम पर चलते हुए जर्मनी ने चार रूसी राजनयिकों को देश से निष्कासित कर दिया है. कई दूसरे देशों ने भी रूस के खिलाफ ऐसे ही कदम उठाए हैं.

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Giftanschlag auf Sergej Skripal in Salisbury
तस्वीर: picture-alliance/Solo Syndication/ Daily Mail/M. Richards

जर्मन अखबार ज्युडडॉयचे त्साइटुंग की इस खबर की विदेश मंत्रालय ने ट्वीट कर पुष्टि की. रूसी जासूस को जहर देने के मामले में जर्मनी के अलावा अमेरिका ने भी 60 रूसी अधिकारियों को निष्कासन का आदेश दिया है. इसमें करीब दर्जन भर अधिकारी संयुक्त राष्ट्र में कार्यरत हैं.

इसी कार्रवाई के तहत अमेरिका के सिएटल में रूसी कान्सुलेट को बंद कर दिया गया है. जर्मनी के अलावा पोलैंड समेत लिथुएनिया जैसे अन्य यूरोपीय देशों ने भी रूसी राजनयिकों के खिलाफ कार्रवाई की है. जर्मनी और पोलैंड ने रूसी राजनयिकों के निष्कासन की बात कही है. वहीं लिथुएनिया और फ्रांस ने रूसी राजनयिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया है. जर्मन विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कहा, "यह कदम जासूसी मामले में यूरोपीय देशों की संयुक्त प्रतिक्रिया है."

सूत्रों से मिली जानकारी मुताबिक रूस भी यूरोपीय देशों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई जरूर करेगा. अमेरिका और यूरोपीय संघ के सदस्य राज्यों ने रूसी जासूस पर हुए हमले के लिए रूस का हाथ होने का शक जताया है. हालांकि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस मामले में रूस के शामिल की बात से साफ इनकार करते आए हैं.

66 वर्षीय पूर्व रूसी जासूस सर्गेइ स्क्रिपाल और इनकी 33 वर्षीय बेटी यूलिया को इंग्लैंड के सालिसबरी शहर में जहर देकर निशाना बनाया गया था. ब्रिटेन ने रूस से इस हमले की साजिश में शामिल होने को लेकर निशाना साधा था और रूस के 23 राजनयिकों को ब्रिटेन से निष्कासित कर दिया था. इस मामले में अमेरिका समेत यूरोपीय देश ब्रिटेन के साथ खड़े हैं. 

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल में कहा था कि ब्रिटेन को इस मामले में रूस के साथ चर्चा छेड़ने से पहले स्वयं इसकी तह में जाना चाहिए. रूस ने ब्रिटेन से कहा था कि वह रूसी साजिश के सबूत दे या माफी मांगे. लेकिन ब्रिटेन और पश्चिमी देशों का कहना है कि इस बात के पर्याप्त सबूत पेश किए जा चुके हैं कि जहर कांड के पीछे रूस का हाथ है.

एए/ओएसज (एपी/डीपीए)