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कटांगा युद्ध अपराध का दोषी

७ मार्च २०१४

अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत ने कांगो के पूर्व मिलिशिया प्रमुख जरमां कटांगा को युद्ध अपराध का दोषी पाया है. उन पर कबीले की मिलिशिया को हथियारबंद करने के आरोप हैं जिसने 2003 में एक गांव में नरसंहार किया.

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तस्वीर: picture-alliance/AP

अंतरराष्ट्रीय अदालत के जज ब्रूनो कोटे ने फैसला सुनाते हुए कहा, "चैंबर ने बहुमत से कटांगा को 24 फरवरी को किए गए अपराधों का दोषी पाया." कटांगा को इतूरी के पैट्रियॉटिक फोर्स को हथियारों से लैस करने का दोषी पाया जिन्होंने बाद में हत्या और लूटमार की. अदालत ने कटांगा को बलात्कार, लड़कियों को सेक्स दास बनाने और बोगोरो गांव पर हमले में बाल सैनिकों का इस्तेमाल करने के आरोपों से बरी कर दिया. दस साल पहले अंतरराष्ट्रीय अदालत के गठन के बाद से यह तीसरा मुकदमा था.

35 वर्षीया कटांगा के खिलाफ चार साल पहले मुकदमा शुरू हुआ. उस पर 2003 के पूर्वी कांगों के गांव पर हमलों के सिलसिले में युद्ध अपराध के सात मामले और मानवता के खिलाफ अपराध के तीन मामले दर्ज थे. अदालत में जब फैसले की घोषणा हो रही थी तो ग्रे सूट और काली टाई पहने शांत खड़े कटांगा ने अपने हाथ पीछे की ओर बांध रखे थे. जज कोटे ने कहा, "चैंबर ने पाया कि कटांगा ने अपराध पर अमल में महत्वपूर्ण योगदान दिया. अदालत ने कहा कि उसकी भागीदारी से मिलीशिया को बोगोरो पर हमला करने के लिए संसाधन संबंधी लाभ मिला."

Massaker im Ostkongo
पूर्वी कांगो में नरसंहार

इरादा गांव को नष्ट करना

कटांगा के खिलाफ चले मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि एन्गिटी और लेदू कबीलों ने बोगोरो के हेमा कबीले के लोगों पर मशीनगन, ग्रेनेड और चाकू छुरियों से हमला किया. "हमले का मकसद बोगोरो गांव को नष्ट कर देना था." अभियोजन पक्ष के अनुसार हमले में बाल सैनिकों का इस्तेमाल किया गया और लड़कियों को बंधक बनाया गया और बाद में उनका इस्तेमाल सेक्स गुलामों के रूप में किया गया.

जजों ने पाया कि हालांकि मिलिशिया में बाल सैनिक मौजूद थे और यौन अपराध भी हुए लेकिन अभियोजन कटांगा की सीधी भागीदारी को साबित करने में विफल रहा. कोटे ने अपने फैसले में कहा, "चैंबर इसकी पुष्टि नहीं कर पाया कि जरमैं कटांगा वहां मौजूद था, या उसने लड़ाई या उसके बाद विजय समारोह में हिस्सा लिया." कटांगा ने आरोपों का लगातार खंडन किया और कहा कि उसका मिलिशिया के लड़ाकों पर उस समय कोई नियंत्रण नहीं था. उसने इतूरी प्रांत की राजधानी बूनिया के 25 किलोमीटर दक्षिण में स्थित बोगोरो पर हमले के समय मौजूद होने का भी खंडन किया.

बांटा गया मुकदमा

डेमोक्रैटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो के राष्ट्रपति जोसेफ कबीला ने कटांगा को 2004 में गृह युद्ध समाप्त करने के मकसद से सेना का जनरल बनाया था, लेकिन 2005 में उसे गिरफ्तार कर लिया गया. अक्टूबर 2007 में उसे द हेग भेज दिया गया जहां अंतरराष्ट्रीय अदालत में दो साल बाद उसके खिलाफ सह अभियुक्त मैथ्यू एनगुजोलो चुई के साथ मुकदमा चलाया गया. नवंबर 2012 में मुकदमे को बांट दिया गया.

Germain Katanga Auslieferung nach Den Haag ARCHIV 2007
गिरफ्तार कटांगातस्वीर: STR/AFP/GettyImages

अंतरराष्ट्रीय अदालत के जजों के अनुसार कटांगा ने बोगोरो गांव पर हमले की योजना नहीं बनाई थी लेकिन वहां किए गए अपराधों में सहयोगी था. एनगुजोलो को दिसंबर 2012 में बरी कर दिया गया. जजों ने कहा कि अभियोजन पक्ष बोगोरो के हमले में उसके नेतृत्व की भूमिका को साबित करने में नाकाम रहा. यह पहला मौका था जब विश्व के बर्बर अपराधों की सुनवाई करने वाली एकमात्र निष्पक्ष अदालत ने किसी अभियुक्त को बरी कर दिया.

हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत ने अब तक कटांगा के अलावा सिर्फ एक अभियुक्त उसके धुर दुश्मन थोमस लूबांगा को सजा दी है. उसे 2012 में बाल सैनिकों की भर्ती के लिए 14 साल की कैद की सजा सुनाई गई. 2003 में डेमोक्रैटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो सालों के युद्ध से उबर ही रहा था जिसमें करीब आधे दर्जन देश शामिल थे. देश के दूरदराज के पूर्वी हिस्से में कई हिंसक मिलिशिया संगठन सक्रिय थे. इतूरी में लड़ाई 1999 में शुरू हुई और गैर सरकारी आंकड़ों के अनुसार उसमें 60,000 लोग मारे गए.

एमजे/ओएसजे (एएफपी)