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कट्टरपंथी फैसले का शिकार सूडानी मॉडल्स

९ दिसम्बर २०१०

सूडान की अदालत ने आठ महिला मॉडलों को अश्लीलता फैलाने का दोषी करार दिया. मॉडलों पर 66 डॉलर का जुर्माना ठोंका. कोड़ों की सजा पाने से बाल बाल बचीं मॉडल्स. सूडान में महिलाओं और पुरुषों का साथ खड़े होना अपराध माना जाता है.

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तस्वीर: UNMIS/Frederic Noy

इन आठ महिलाओं ने पुरुषों के साथ एक फैशन शो में हिस्सा लिया. मॉडलों पर अश्लील कपड़े पहने का आरोप लगाया गया, जो अदालत में साबित भी हो गया. सूडान में महिलाओं के कपड़े पहनने को लेकर अलग तरह का कानून है. कई कपड़ों को अश्लीलता फैलाने वाले वस्त्र करार दे दिया जाता है. अश्लीलता फैलाने का दोष साबित होने पर महिलाओं को 200 पाउंड तक का जुर्माना और 40 कोड़े मारने की सजा सुनाई जा सकती है.

हालांकि बचाव पक्ष ने बार बार यह दलील दी कि पेशे के हिसाब से कपड़े पहनना कई महिलाओं की मजबूरी होती है. लेकिन अदालत ने इस तर्क को स्वीकार नहीं किया. मॉडलों के वकील अदम बकर ने कहा, ''मॉडलिंग, डॉसिंग और गायकी, ये अलग तरह के पेशे हैं. लेकिन यहां तो महिलाओं और पुरुषों का एक साथ खड़ा होना भी अपराध है.''

सूडान में इस तरह के कानून 1991 से चल रहे हैं. तानशाह ओमर अल बशीर के सत्ता हड़पने के साथ ही देश में धर्म के नाम पर महिलाओं के खिलाफ सख्त कानून बनाए गए. ऐसे ही एक मामले में एक महिला पत्रकार को भी दोषी ठहराया जा चुका है. महिला पत्रकार ने घुटने से थोड़ी नीचे तक जाने वाली ट्राउजर पहनी थी, जिसे अश्लीलता फैलाने वाली करार दिया गया.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: आभा एम

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