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कपड़ा फैक्ट्री की आग में 109 की मौत

२५ नवम्बर २०१२

बांग्लादेश में एक कपड़ा फैक्ट्री में भीषण आग लगी. हादसे में 109 लोग मारे गए. नौ मंजिला फैक्ट्री में आग इतनी तेजी से लगी कि सैकड़ों लोग अंदर ही फंसे रह गए. फैक्ट्री में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए कपड़े बनते थे.

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तस्वीर: dapd

ढाका के जिला आयुक्त यूसुफ हारून मुताबिक अब तक 109 शव बरामद किये जा चुके हैं. मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. हारून ने कहा, "शवों को पास के स्कूल के बरामदे में रखवाया गया है. पहचान के बाद शवों को उनके रिश्तेदारों को सौंपा जा रहा है." फायर ब्रिग्रेड के डीजी मेजर महबूब के मुताबिक ज्यादातर लोगों की मौत दूसरी मंजिल पर हुई.

राजधानी ढाका से 30 किलोमीटर दूर आशुलिया इंडस्ट्रियल इलाके में चल रही गारमेंट फैक्ट्री में आग शनिवार शाम को लगी. आग नौ मंजिला इमारत की पहली मंजिल पर लगी और तेजी से फैलती चली गई. नीचे से उठी आग की वजह से कामगार ऊपर की ओर भागते गए और लपटें भी ऊपर की तरफ फैलती गईं. आग इतनी भीषण थी कि कई किलोमीटर दूर से भी दिखाई पड़ रही थी.

चश्मदीदों के मुताबिक धुआं उठते ही फैक्ट्री के भीतर अफरा तफरी मच गई. हादसे के वक्त इमारत में एक हजार से ज्यादा लोग थे. 42 साल की रोमेशा ने कहा, "मैं चौथी मंजिल की खिड़की से कूदी और मैं किसी और इमारत की तीसरी मंजिल की छत पर गिरी. खिड़कियों से कूदने वाले कई लोगों की मौत हो गई."

कुछ पीड़ितों ने फैक्ट्री के भीतर से अपने रिश्तेदारों को फोन किया और हादसे की जानकारी दी. लेकिन लाचार परिजन कुछ न कर सके. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक फायर ब्रिग्रेड का दस्ता भी आग के सामने बौना दिखा.

Fabrikbrände in Pakistan
कराची में हुए हादसे में 289 की जान गई थी.तस्वीर: Getty Images

तजरीन फैशन प्लांट नाम की इस गारमेंट फैक्ट्री में विदेशी कंपनियों के लिए कपड़े बनाए जाते हैं. फैक्ट्री में नीदरलैंड्स की कंपनी सी एंड ए और हॉन्ग कॉन्ग की कंपनी ली एंड फूंग के लिए कपड़े बनते थे. फैक्ट्री मालिक दिलवर होसैन ने सुरक्षा मापदंडों में लापरवाही करने से इनकार किया है.

बांग्लादेश में 4,500 कपड़ा फैक्ट्रियां है. चीन के बाद बांग्लादेश दुनिया में रेडीमेड कपड़ों का दूसरा बड़ा निर्यातक है. देश के 24 अरब डॉलर के निर्यात में इस उद्योग की हिस्सेदारी 80 फीसदी है.

बांग्लादेश पर आरोप लगते हैं कि वह मजदूरों के हितों और उनकी सुरक्षा पर ध्यान नहीं देता. 2006 में चटगांव में एक फैक्ट्री में आग लगने से 84 लोगों की मौत हुई. उसके बाद 300 से ज्यादा फैक्ट्रियों के कामगार बेहतर मजदूरी और अच्छे माहौल की मांग करते हुए हड़ताल पर चले गए.

इसी साल सितंबर में पाकिस्तान में भी एक कपड़ा फैक्ट्री में ऐसा ही हादसा हुआ. कराची की कपड़ा फैक्टरी में लगी आग में 289 लोगों की मौत हुई.

ओएसजे/एएम (एएफपी, रॉयटर्स)

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