1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

कश्मीर में फिर फायरिंग, चार की मौत

१३ अगस्त २०१०

भारतीय राज्य कश्मीर में फिर हालात बिगड़े. रमजान के पवित्र महीने के बावजूद शुक्रवार को दूसरे दिन हिंसा जारी रही. सुरक्षाकर्मियों की फायरिंग में चार लोगों की मौत. अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारुक़ की नजरबंदी खत्म.

https://p.dw.com/p/OnAJ
तस्वीर: AP

शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद श्रीनगर और उसके आस पास के इलाकों में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए. इस दौरान कई इलाकों में फायरिंग हुई, जिनमें कम से कम चार लोग मारे गए. त्रेहगाम में फायरिंग में एक 17 साल के किशोर की मौत हो गई. जबकि पाटन टाउन में 65 साल के बुर्जग को गोली लगी.

पुलिस के मुताबिक दो युवकों की मौत सोपोर में हुई. वहां भी जुमे की नमाज के बाद उग्र प्रदर्शन हुए. प्रदर्शनकारी आजादी के नारे लगा रहे थे. एक चश्मदीद ने अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी एएफपी से कहा, ''नमाज के बाद हजारों प्रदर्शनकारी भारत विरोधी प्रदर्शन करने लगे.'' लेकिन चश्मदीद ने यह भी कहा कि प्रदर्शनकारियों ने कोई पत्थरबाजी नहीं की. चश्मदीद का आरोप है कि सुरक्षाकर्मियों ने बेवजह फायरिंग शुरू की.

Mirwaiz Umar Farooq Kaschmir
तस्वीर: picture-alliance/ dpa

इस बीच अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारुक की हफ्ते भर की नजरबंदी खत्म कर दी गई है. शुक्रवार को मीरवाइज ने श्रीनगर की डाउनटाउन मस्जिद में कहा, "अगर भारत सोचता है कि वह हमारे जवान बच्चों को मारकर इस आंदोलन को दबा देगा, तो वह गलत सोचता है." उनके भाषण के दौरान ही कई लोग उग्र हो गए. हालात अब भी तनावपूर्ण बने हुए हैं.

शनिवार को पाकिस्तान और फिर रविवार को भारत का स्वतंत्रता दिवस है. अलगाववादी नेताओं ने कश्मीरियों से अपील की है कि वह पाकिस्तान की आजादी का जश्न मनाएं और 15 अगस्त को काले दिवस के रूप में मनाएं. इस एलान के बाद घाटी में तनाव बढ़ सकता है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: ए जमाल