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कश्मीर में फिर युवक की मौत, स्थिति खराब

३ अगस्त २०१०

भारत के कश्मीर में आज हिंसा एक की मौत. हालात को काबू में करने के लिए केंद्र सरकार 2000 और सुरक्षाबलों को भेज रही है. इसके साथ ही वहां पहले से मौजूद अर्धसैनिक बलों के 3200 जवानों की तैनाती में बदलाव किया जाएगा.

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उबाल पर घाटीतस्वीर: AP

भारतीय राज्य जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर और बडगाम इलाके में मंगलवार सुबह कर्फ्यू के बावजूद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. सुरक्षाबलों के साथ प्रदर्शनकारियों की झड़प भी हुई. पुलिस फायरिंग में युवक की मौत हो गई, जबकि पांच लोग घायल हो गए. इसके साथ ही सोमवार से शुरू हुए हिंसक प्रदर्शनों में आठ लोगों की जान जा चुकी है.

श्रीनगर के कमरवाड़ी में लोग कर्फ्यू तोड़कर सड़कों पर निकल आए और प्रदर्शन करने लगे. पुलिस के मुताबिक थोड़ी ही देर मे वहां पहुंचे सुरक्षाबलों ने उन्हें रोका और वापस लौटने को कहा लेकिन लोग नहीं माने. इसके बाद सुरक्षाबलों के साथ उनकी झड़प हुई. पुलिस का कहना है कि उन्होंने स्थिति को संभालने के लिए फायरिंग की. इसमें 25 साल के मेहराज अहमद लोन की मौत हो गई.

Kaschmir Muslime Proteste
प्रदर्शन पर प्रदर्शनतस्वीर: DW

उधर बडगाम में भी प्रदर्शन कर रहे लोगों पर सुरक्षाबलों ने फायरिंग की, जिसमें दो लोग घायल हो गए. इन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है. पूरी घाटी में कर्फ्यू लगा हुआ है लेकिन जगह जगह लोग कर्फ्यू तोड़ कर प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान सरकारी गाड़ियों और इमारतों पर पथराव और पुलिस से हथियार लूटने की भी कोशिशें हुई हैं.

जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की मांग पर केंद्र ने राज्य में और अधिक सुरक्षा बलों को भेजने का फैसला किया है. एक या दो दिन के भीतर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 19 टुकड़ियां राज्य में पहुंच जाएंगी.

बीती रात प्रदर्शनकारियों ने ज़ालबागेर नावा बाज़ार में एक हैंडीक्राफ्ट सेंटर को जला दिया. पिछले शुक्रवार से शुरू हुए हिंसक प्रदर्शनों में अब तक 22 लोगों की जान जा चुकी है और कम से कम 500 लोग घायल हैं जिनमें 200 पुलिस और सुरक्षाबलों के जवान भी हैं. घाटी में सभी स्कूल, कॉलेज और दुकानें बंद है और लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलने का आदेश दिया गया है. कर्फ्यू की वजह से लोगों के रोजमर्रा के कामकाज पर भी काफी असर पड़ा है. सब्जी और दूध जैसी जरूरी चीजें भी लोगों को नहीं मिल पा रही हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/ एन रंजन

संपादनः ए जमाल