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कसाब के बयानों की पुष्टि चाहता है पाकिस्तान

२७ नवम्बर २०१०

पाकिस्तान ने कहा है कि सात संदिग्धों की मुंबई हमलों में भूमिका की सुनवाई कर रही आतंकवाद निरोधी अदालत के लिए एकमात्र जिंदा पकड़े गए हमलावर अजमल आमिर कसाब का बयान बड़ा आधार है लेकिन इसकी पुष्टि जरूरी है.

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रहमान मलिकतस्वीर: Abdul Sabooh

पाकिस्तानी गृह मंत्री रहमान मलिक ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "हमने अजमल आमिर कसाब के बयान को अपने केस में आधार बनाया है लेकिन कोर्ट उसके बयानों की पुष्टि चाहती है, इस बारे में हमने भारतीय अधिकारियों को पत्र लिखा है."

मुंबई पर दो साल पहले हुए हमलों के सिलसिले में पाकिस्तानी जांच के बारे में पूछे गए सवाल पर मलिक ने कहा कि भारतीय गृह मंत्री ने पाकिस्तान में चल रहे मुकदमे पर असंतोष जाहिर किया है. वह कहते हैं, "हमने भारत के सामने प्रस्ताव रखा कि एक पाकिस्तानी आयोग को भारत जाने का मौका दिया जाए, ताकि कसाब के बयानों की पुष्टि की जा सके, लेकिन भारत ने अब तक इस बारे में कोई जबाव नहीं दिया है. देरी भारत सरकार की तरफ हो रही है."

पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी ने 166 लोगों की मौत की वजह बने मुंबई हमलों के सिलसिले में सात संदिग्धों को गिरफ्तार किया है जिनमें लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर जकीउर रहमान लखवी भी शामिल है. इन लोगों पर मुंबई हमलों में मदद करने का आरोप है. लेकिन यह मुकदमा विवादों और विलंबों का शिकार रहा है. 160 चश्मदीदों में से अब तक सिर्फ एक की गवाही हो सकी है.

मुंबई हमलों के बाद जब संयुक्त राष्ट्र ने जमात उद दावा को लश्कर का मुख्य संगठन बताते हुए इस पर पाबंदी लगा दी तो पाकिस्तान को भी उसके खिलाफ कदम उठाने पड़े. पूरे पाकिस्तान में जमात उद दावा के दफ्तरों को सील कर दिया गया. संगठन के प्रमख हाफिज मोहम्मद सईद समेत कई लोगों को नजरबंद रखा गया. लेकिन छह महीने बाद उन्हें रिहा कर दिया गया. अदालत में नजरबंदी को चुनौती दिए जाने के बाद सईद को रिहा किया गया. सरकार ने अब तक जमात उद दावा को प्रतिबंधित करने के लिए कोई अधिसूचना जारी नहीं की है.

मुंबई हमलों को दो साल पूरे होने के मौके पर पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान इन हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों को कानून के कठघरे तक लाने के लिए वचनबद्ध है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ ए कुमार

संपादनः एन रंजन

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