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किक से करियर किक की उम्मीद

२ अगस्त २०१४

सलमान खान के साथ अपनी हालिया फिल्म किक की कामयाबी से श्रीलंकाई अभिनेत्री जैक्लीन फर्नांडीज इन दिनों बेहद खुश हैं. उनको उम्मीद है कि किक उनके करियर को किक लगा देगी.

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Jacqueline Fernandez
तस्वीर: picture-alliance/dpa

किक के बाद साजिद नदियादवाला की ही अगली फिल्म में ऋतिक रोशन के साथ हीरोइन चुने जाने पर उनको अपनी उम्मीद सही नजर आने लगी है. वह कहती हैं कि यह उनके फिल्मी करियर का सर्वश्रेष्ठ दौर है. एक कार्यक्रम के सिलसिले में कोलकाता पहुंची जैक्लीन ने अपने अब तक के फिल्मी सफर और भावी योजनाओं के बारे में डॉयचे वेले से बातचीत की. पेश हैं उसके मुख्य अंश:

हिंदी फिल्मों में अब तक का सफर कैसा रहा है?

यह मेरे करियर का सबसे बेहतरीन दौर है. इससे पहले भी मैंने पांच-छह फिल्मों में काम किया है. लेकिन पिछले सप्ताह रिलीज हुई किक ने मुझमें एक नया भरोसा पैदा किया है. उम्मीद है यह फिल्म मेरे करियर को भी जबरदस्त किक लगाएगी.

किक की कामयाबी से कैसा महसूस कर रही हैं?

मुझे तो अब तक इस पर भरोसा नहीं हो रहा है. मुझे ऐसी प्रतिक्रिया की उम्मीद नहीं थी. करण जौहर समेत कई जाने-माने लोगों ने मुझे बधाई दी है. इसके प्रमोशन के दौरान मैं बेहद उत्साहित थी.

Jacqueline Fernandez
तस्वीर: Lisa Maree Williams/Getty Images

इस फिल्म के लिए सलमान खान के साथ चुने जाने पर कैसा महसूस हुआ?

पहले तो मुझे विश्वास ही नहीं हुआ था. मुझे लगा साजिद मुझे किसी दूसरी फिल्म के लिए कह रहे हैं. लेकिन जब इसका अहसास हुआ तो मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था. बाद में सलमान ने भी मुझे इस रोल के लिए चुने जाने पर बधाई दी.

सलमान के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?

एक शब्द में कहूं तो लाजवाब. अब तक मैंने जितने अभिनेताओं के साथ काम किया है उनमें सलमान सबसे बेहतर हैं. मैं करियर की शुरूआत से ही उनके साथ काम करना चाहती थी. लेकिन कभी मौका ही नहीं मिला. वह जितने अच्छे अभिनेता हैं, उतने ही बेहतर इंसान भी हैं. पूरी फिल्म के दौरान उन्होंने मेरा उत्साह बढ़ाया. उनके प्रोत्साहन से ही मैंने पहली बार किक के लिए खुद डबिंग भी की.

बालीवुड में संघर्ष के शुरूआती दिन कैसे रहे?

मुंबई में अकेली होने और कोई गॉडफादर नहीं होने की वजह से शुरूआत में यहां काफी संघर्ष करना पड़ा. मैं हिंदी फिल्मोद्योग में किसी को जानती भी नहीं थी. इस वजह से काफी ठोकरें खानी पड़ी. घर नहीं होने की वजह से गेस्टहाउस में रहना पड़ा. अकेली होने का अहसास कई बार मन को डरा देता था. लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी और आज नतीजा सामने है. मैं आज जिस मुकाम पर हूं, उसमें लगन और कड़ी मेहनत की अहम भूमिका है.

आधा दर्जन फिल्में करने के बाद भी क्या आपको खुद में कोई कमी नजर आती है?

हां, ठीक से हिंदी नहीं बोल पाना मेरी सबसे बड़ी कमी है. मैं इस कमी को दूर करने के लिए काफी मेहनत कर रही हूं. किक में सलमान ने मुझे हिंदी बोलने और अपने संवाद डब करने की प्रेरणा दी. फिल्म के प्रमोशन के दौरान भी वह हिंदी बोलने में मदद करते रहे.

भावी योजना?

आगे कुछ फिल्में हाथ में हैं. लेकिन फिलहाल उनका खुलासा नहीं कर सकती. लेकिन अब लगता है करियर तेजी से आगे बढ़ेगा.

इंटरव्यू: प्रभाकर, कोलकाता

संपादन: महेश झा