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किसके हक में क्रिकेट का मनोविज्ञान

८ अक्टूबर २०१०

एक मामूली से अंतर के साथ ऑस्ट्रेलिया की हार के बाद कल शनिवार से बंगलौर का दूसरा टेस्ट मैच शुरू हो रहा है. कौन सी टीम दबाव में है और क्यों - यह सवाल काफी दिलचचस्प हो गया है.

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तस्वीर: AP

दरअसल ऑस्ट्रेलिया को इस पर संतोष होना चाहिए कि यह हार कोई हार नहीं थी और जीत भी हो सकती थी. इस वजह से उसके खिलाड़ियों का मनोबल ऊंचा हो सकता था. इसके अलावा दोनों टीमों के खिलाड़ियों को पता है कि उन्होंने एक ऐसा टेस्ट मैच खेला है, जिससे क्रिकेट की शान बढ़ी है. साथ ही, दोनों देशों के बीच मुकाबले का स्तर उस जगह पहुंच चुका है, जहां उसे क्लासिकीय कहा जा सकता है. और यह भी कोई कम बात नहीं कि खेल भावना बरकरार रखते हुए ये सारे नतीजे हासिल किए गए हैं. लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खेमे में मायूसी है.

Mahendra Singh Dhoni
तस्वीर: AP

ऑस्ट्रेलिया के कप्तान रिकी पोंटिंग का कहना है कि यह एक बेहद मुश्किल हार थी. आठ विकेट गिर चुके थे, अभी अस्सी रन बनाने थे, यह एक ऐसा मैच था जिसे हमें जीतना चाहिए था.

एक ओर आखिरी मंजे बल्लेबाज के तौर पर लक्ष्मण थे, जो पीठ की दर्द से परेशान थे. दूसरी ओर थे ईशांत शर्मा और प्रज्ञान ओझा. क्रिकेट के सारे तर्कों को नकारते हुए भारत ने यह जीत हासिल की. भारतीय टीम इस विश्वास के साथ बंगलौर पहुंची है कि हर हालत में लड़ने की ताकत उसमें मौजूद है. गंभीर और ईशांत की जगह आने वाले अभिनव मुकुंद और जयदेव उनदिकाट इस भावना के साथ टीम में आ रहे हैं कि यहां अच्छे प्रदर्शन के जरिये अपने आपको साबित करना है. हालांकि अंतिम 11 में उनके शामिल होने की गुंजाइश कम है. भारत की बेंच स्ट्रेंथ भी उसके मनोबल को बढ़ा रहा है.

एक घंटे के लिए किस्मत ने ऑस्ट्रेलिया का साथ नहीं दिया, जब लक्ष्मण ईशांत और प्रज्ञान ओझा के साथ खेल रहे थे. और उसी एक घंटे में भारत ने बाजी मार ली. ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी कल इस चिंता के साथ मैदान में उतरेंगे कि उन्हें एक ऐसी टीम से मुकाबला करना है, जो थोड़ी सी किस्मत के साथ भी मैच जीत सकती है.

हालांकि बंगलौर का मैदान भारत के लिए कतई अच्छा नहीं रहा है. लेकिन इस बीच ऑस्ट्रेलिया की टीम इस कदर दबाव में आ चुकी है, कि इस बात का फायदा वह नहीं ले पा रही है. इस बात का भी नहीं कि ज्यादातर लोग यह मानकर चल रहे हैं कि धोनी की किस्मत साथ नहीं देगी. वह फिर टॉस हार जाएंगे.

लेकिन क्रिकेट में कुछ भी तय नहीं होता है. शायद धोनी टॉस जीत जाएं, ऑस्ट्रेलिया मैच जीत जाए. कुछ भी हो, मुकाबले में जान आ गई है.

रिपोर्ट: उज्ज्वल भट्टाचार्य

संपादन: एन रंजन

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