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कुर्दों को फ्रांस से हथियारों की मदद

१४ अगस्त २०१४

फ्रांस ने इराक के कुर्द लड़ाकों को हथियार सप्लाई करने का फैसला किया है. राष्ट्रपति फ्रांसोआ ओलांद ने कहा है कि यह फैसला कुर्द अधिकारियों की फौरी जरूरतों के जवाब में किया गया है.

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तस्वीर: Ahmad Al-Rubaye/AFP/Getty Images

इस्लामी स्टेट के जिहादियों से लड़ने के लिए कुर्द लड़ाकों की मांग पर हथियार देने वाला फ्रांस पहला देश है. आईसिस के जिहादियों ने इराक और सीरिया के बड़े हिस्से पर नियंत्रण कर लिया है. फ्रांस ने पुष्टि की है कि उसने उत्तरी इराक को हथियार भेज दिए हैं. राष्ट्रपति फ्रांसोआ ओलांद के कार्यालय ने कहा, "कुर्द क्षेत्रीय अधिकारियों ने इसकी बहुत जरूरत जाहिर की थी. इसके जवाब में राष्ट्रपति ने बगदाद के साथ एक समझौते में फैसला किया है कि वह हथियार सप्लाई करेंगे."

पश्चिमी देश धीरे धीरे करके इराक संघर्ष में शामिल होने के लिए तैयार हुए हैं. वहां इस्लामिक स्टेट कट्टरपंथी गुट ने कुछ उत्तरी शहरों को अपने कब्जे में ले लिया है. इराक के और अस्थिर होने की स्थिति पैदा हो रही है. एक ओर इराकी सेना आईसिस कट्टरपंथियों को दक्षिण की तरफ बढ़ने से रोक रही है वहीं कुर्द लड़ाके उन्हें उत्तर में रोक रहे हैं.

पिछले सप्ताह कट्टरपंथियों के इरबील की ओर बढ़ने के कारण वहां से हजारों निवासी भाग निकले. अमेरिकी सेना ने सिंजर पहाड़ियों के आसपास इराक के कई हिस्सों में कट्टरपंथियों पर हवाई हमले किए. यहां येजीदी समुदाय के हजारों लोग फंस गए हैं. मंगलवार को जर्मनी ने घोषणा की कि वह इराक को ऐसी सामग्री नहीं देंगे जिससे किसी की जान जाती हो. यूरोपीय आयोग ने तय किया है कि वह इराक को दी जाने वाली सहायता राशि बढ़ा कर एक करोड़ सत्तर लाख यूरो कर देगा.

यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रभारी कैथरीन ऐश्टन इराक संकट पर एक बैठक कर रही हैं. उनके प्रवक्ता ने बताया, "कैथरीन ऐश्टन इस सप्ताह एक बैठक आयोजित करने के लिए तैयार हैं और बाकी सदस्य देशों से संपर्क कर पता लगा रही हैं कि क्या ये बातचीत हो सकती है.

चेक गणराज्य के विदेश मंत्री लुबोमिर जोरालेक के मुताबिक प्राग में सरकार विचार कर रही है कि वह कैसे इराकी कुर्दों को हथियारों से मदद कर सकते हैं. उन्होंने कहा, "हम समझ सकते हैं कि कुर्द लोगों को क्या चाहिए और हमारे पास कुछ चीजें हैं." उन्होंने बताया कि ये सामान निजी कंपनियों से भेजा जाएगा क्योंकि इसके लिए सरकार को फैसला लेने की जरूरत नहीं है. फ्रांस और इटली के बाद चेक गणराज्य हथियार भेजने के समर्थक हैं.

उधर अमेरिका के सैन्य पर्यवेक्षक उत्तरी इराक पहुंचे हैं. वो पता लगाएंगे कि कट्टरपंथियों की धमकी के बाद नागरिकों को कहां सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है. सैन्य सलाहकारों के साथ फिलहाल इराक में अमेरिकी सैनिकों की संख्या करीब 1,000 तक पहुंच गई है.

एएम/एमजे (रॉयटर्स, डीपीए, एएफपी)