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केपटाउन की क्रीज पर अड़े कालिस

२ जनवरी २०११

केपटाउन टेस्ट में दक्षिण अफ्रीका चार विकेट गिराने के बाद भी टीम इंडिया को राहत नहीं मिली. क्रीज पर डटे ज्याक कालिस धीरे धीरे शतक की ओर बढ़ते जा रहे हैं. कालिस के कंधे पर बैठे मेजबानों ने पहले दिन 232 रन बनाए.

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तस्वीर: AP

लंबे वक्त बाद कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने टॉस जीता और सीरीज में पहली बार दक्षिण अफ्रीका को पहले बल्लेबाजी करने का न्योता दिया. मेजबान टीम की शुरुआत खराब रही. टीम जैसे ही उबरी वैसे ही झटके लगते गए.

बादलों से घिरे मैदान पर दक्षिण अफ्रीका के कप्तान ग्रैम स्मिथ और एल्विरो पीटरसेन पारी का आगाज करने उतरे. डरबन टेस्ट की पहली पारी में जहीर खान की गेंद पर आउट होने वाले स्मिथ ने इस बार संभलकर खेलना चाहा. लेकिन जहीर के आगे उनकी एक न चली.

जहीर की बाहर निकलती गेंद पर स्मिथ हिल भी न सके. गेंद उनके पैड पर लगी और अंपायर ने अंगुली खड़ी कर दी. स्मिथ सिर्फ छह रन जोड़ सके. नौ टेस्ट मैचों में यह छठा मौका है जब स्मिथ जहीर खान का शिकार बने हैं.

17 रन पर पहला विकेट खोने के बाद हाशिम अमला क्रीज पर आए. हालांकि इसके दो ओवर बाद बारिश की वजह से खेल रोकना पड़ा. बूंदाबांदी काफी देर तक हुई और खेल लंच के बाद ही शुरू हो सका. दोपहर में धोनी ने गेंदबाजी में बदलाव किया. श्रीसंत की जगह वह ईशांत शर्मा को लेकर आए और शर्मा ने आते ही पीटरसेन की पारी पर विराम लगा दिया. तेज रफ्तार फुल लेंथ गेंद पर ललचाए पीटरसेन धोनी को कैच थमा बैठे. उनके बल्ले से स्कोरबोर्ड पर सिर्फ 21 रन जुडे.

Mahendra Singh Dhoni
मौका इतिहास रचने कातस्वीर: AP

34 रन पर दो विकेट खोने के बाद मेजबान बैकफुट पर आ गए थे. लेकिन अमला और कालिस की जोड़ी ने धैर्य दिखाया और रन भी बनाए. अमला ने तेज हमला किया और टी-20 स्टाइल में खेलते हुए 59 रन बनाए. लेकिन तेज खेलने के चक्कर में उनका भी संयम टूट गया. श्रीसंत की गेंद की एक शॉट बॉल को हुक करने के चक्कर में वह गड़बड़ा गए. गेंद की रफ्तार उनके अनुमान से ज्यादा थी और वो बल्ले का कोना लेती हुई पुजारा के सुरक्षित हाथों में समा गई. अमला ने 80 गेंदों में 59 रन बनाए.

इसके बाद कालिस का साथ देने डिवीलियर्स आए. सेंचुरियन में आतिशी शतक ठोंकने वाले डिवीलिर्स केपटाउन में मूक दर्शक से बन गए. 72 गेंदों में 26 रन बनाने के बाद उन्हें श्रीसंत ने पैवेलियन लौटा दिया. लेकिन एक छोर पर अब भी कालिस डटे हैं. वह अर्धशतक से शतक की ओर बढ़ रहे हैं. उनका साथ अब प्रिंस दे रहे हैं. प्रिंस भाग्यशाली साबित हो रहे हैं, उनके कुछ कैच एकांत वाले इलाकों में गिरे. लेकिन इन जीवनदानों के बाद उनका बल्ला सध गया और पहले दिन का खेल खत्म होने तक वह क्रीज पर डटे रहे. कालिस 81 और प्रिंस 28 पर खेल रहे हैं. टीम 232 रन बना चुकी है.

भारत के लिए परिस्थितियां अब भी बेकाबू नहीं हुई हैं. सोमवार को दूसरे दिन का खेल शुरू होते ही पिच में नमी होगी और तेज गेंदबाजों को उसका फायदा होगा. इस लिहाज से देखा जाए तो टीम इंडिया के पास सोमवार दोपहर तक दक्षिण अफ्रीका को ढेर करने का मौका रहेगा. बस जरूरी हैं कि कालिस का विकेट निकल पड़े.

टेस्ट सीरीज में अब तक दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर हैं. अगर टीम इंडिया यह मैच जीतती है तो वह नंबर वन टेस्ट टीम बनी रहेगी, साथ ही पहली बार दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट सीरीज जीतकर इतिहास भी रचेगी. इस बात को समझते हुए धोनी ब्रिगेड पूरे लाव लश्कर के साथ उतरी है. चोट के बावजूद वीरू मैदान पर हैं, गंभीर की भी वापसी हुई है. मिडिल ऑर्डर में पुजारा की जगह बरकरार है. गेंदबाजी का जिम्मा जहीर, भज्जी, श्रीसंत और ईशांत ने संभाला है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: एन रंजन

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