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केमिस्ट्री को आसान बनाती 3डी कक्षाएं

२३ मार्च २०१६

रसायन विज्ञान और भौतिकी जैसे कई ऐसे विषय हैं जिनमें संरचनाओं को समझना अक्सर छात्रों के लिए मुश्किल होता है. लेकिन इन्हीं संरचनाओं को त्रिआयामी बनाकर जर्मनी में पढ़ाई को आसान और दिलचस्प बनाया जा रहा है.

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तस्वीर: Fotolia/Creativa

सुपर कंप्यूटर, 3-डी मॉनीटर और इंटरनेट में ब्रॉडबैंड कनेक्शन. ये वो तकनीकी शर्तें हैं जो नए 3-डी लर्निंग सॉफ्टवेयर यानि साइबर क्लासरूम के लिए जरूरी हैं. छात्र अपने चश्मे से कंप्यूटर के मॉनीटर पर त्रिआयामी चित्र देखते हैं. गणित, फिजिक्स और केमिस्ट्री जैसे रूखे सूखे विषय भी दिलचस्प हो जाते हैं और छात्रों को मजा आने लगता है.

जर्मनी के फुर्स्टेनबर्ग हाई स्कूल के छात्र फिलिप बुर्ग ऐसी ही कक्षा में पढ़ाई करते हैं. उन्होंने बताया, "रसायन की बात करें तो एटम ऐसा नहीं होता कि हम उन्हें देख सकें. जब आप 3-डी के कारण उसके बीच होते हैं, तो यह एकदम अलग तरह का अनुभव होता है, आप स्तब्ध खड़े होते हैं क्योंकि आपको लगता है कि आप एटम के अंदर हैं."

3-डी क्लास के फायदे

त्रिआयामी संरचनाओं को समझाने वाली क्लास में मजा और सीखने का उत्साह जरूरी होता है ताकि दिमाग अकेले ही सीख सके. 3-डी लर्निंग खासकर ऐसे बच्चों की मदद करता है जो चीजों को उसके आयामों में नहीं देख पाते. और चूंकि इस मामले में छात्रों को कुछ सिखाया नहीं जाता, बल्कि वे इंटरएक्शन के जरिए खुद सीखते हैं, हर कोई अपनी गति से सीख सकता है. इससे समझने की क्षमता और परफॉर्मेंस भी बढ़ती है.

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फुरस्टेनबर्ग हाई स्कूल के प्रिंसिपल मारियो मोसबाखर ने बताया, "गणित में अक्सर मुश्किल तब होती है जब आपको ज्यामिति समझनी होती है. आकृतियों और लकीरों को हम किताब में या बोर्ड पर सिर्फ 2-डी में देख सकते हैं. जबकि 3-डी में हम इसे छू भी सकते हैं. इधर उधर कर सकते हैं हिला डुला भी सकते हैं."

विजुअल लर्निंग प्रोग्राम का कंटेंट ब्लैक फॉरेस्ट के इलाके में स्थित सेंट गियोर्गेन में डेवलप किया जाता है. यहां के हाई स्कूल के शिक्षकों और छात्रों के साथ इंजीनियरों और प्रोग्रामरों की एक टीम एक विशेष 3-डी मॉड्यूल पर काम कर रही है. इसमें छात्रों की अहम भूमिका है. क्लासरूम में इस्तेमाल करने से पहले वे इसे टेस्ट करते हैं.

3-डी लर्निंग मॉड्यूल

जर्मन कंपनी इनसिमिटी वर्चुअल रिएलिटी और ऑगमेंटेड रिएलिटी के एपलिकेशंस बनाती है. कंपनी के निदेशक मार्टिन सिम्मरमन मानते हैं, "छात्रों को ऐसी तकनीक समझने की संभावना मिलती है, जिन्हें वे अपने रोजमर्रा से जानते हैं. ग्राफिक कंप्यूटर, मॉनीटर, गेम कंसोल जैसी इंटरएक्टिव मशीनों को अचानक खेलने के लिए नहीं, बल्कि जटिल विषयों को समझने के लिए, जानने बूझने के लिए इस्तेमाल किया जाता है."

3-डी कक्षाओं में हर लेसन के लिए टारगेट और कंटेंट तय किए जाते हैं. जब कंटेंट तय हो जाता है, फिर उसे मॉडल में ढालने, प्रोग्रामिंग करने और उस पर अमल करने की बारी आती है. और नवीनतम वैज्ञानिक जानकारी को साइबर क्लासरूम में शामिल करने के लिए मार्टिन सिम्मरमन नियमित रूप से विभिन्न शोध संस्थानों के साथ सहयोग करते हैं.

मार्टिन सिम्मरमन कहते हैं, "मेरे लिए जरूरी है कि उच्चस्तरीय शोध क्लासरूम तक पहुंचे. साइबर क्लासरूम इसके लिए मंच दे सकता है. हम इस बात को प्रोत्साहन देते हैं कि छात्रों और वैज्ञानिकों तथा शोधकर्ताओं के बीच सीधा संवाद हो सके और नई जानकारियां 3-डी लर्निंग मॉड्यूलों के माध्यम से स्कूलों में पहुंचें और उनका इस्तेमाल हो." यहां ऑगमेंटेड रिएलिटी को 3-डी दुनिया में टेस्ट किया जाता है. भविष्य में हाथ या पैर हिलाना ही 3-डी मॉड्यूलों के साथ इंटीग्रेट करने के लिए काफी होगा ताकि बेहतर तरीके से सीखा जा सके.

मार्टिन रीबे/एसएफ