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कैंची का काम कर गई ब्राउन की ज़ुबान

२९ अप्रैल २०१०

ब्रिटेन मे संसदीय चुनाव से पहले प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन की लोकप्रियता को गहरा झटका लगा है. अमेरिका की तर्ज पर ब्रिटेन में भी पहली बार पीएम पद के दावेदार नेताओं की टेलीविजन पर बहस हो रही है. दूसरी बहस आज है.

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तस्वीर: AP

गुरुवार को लेबर पार्टी के गॉर्डन ब्राउन, कंर्जवेटिव डेविड कैमरोन और लिब्ररल डेमोक्रेट निक क्लेग के बीच फिर टेलीविजन पर बहस होनी है. चुनाव से पहले कैमरोन को मुख्य प्रतिद्वंदी माना जा रहा था लेकिन पहली बहस में क्लेग के तर्कों ने मतदाताओं में अच्छी छाप छोड़ी.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स और उसके सहयोगियों के सर्वेक्षण में पता चला है कि क्लेग की लोकप्रियता में इज़ाफ़ा हुआ है. इसकी वजह से संसद त्रिशंकु बनने जा रही है. इन समीकरणों के बीच प्रधानमंत्री ब्राउन ख़ासी मुश्किल में हैं.

इससे पहले बुधवार को ब्राउन अपने समर्थकों के बीच गए. उन्होंने कोट पर वायरलैस माइक लगाया और लोगों से मुख़ातिब हुए. इस दौरान गिलीआन डफी नामकी एक महिला समर्थक उनसे कई सवाल जवाब करने लगी. मीडिया के सामने ब्राउन भी गंभीर मुद्रा में जवाब देते नज़र आए.

Gordon Brown beleidigt Wählerin
गिलीआन डफी और ब्राउनतस्वीर: AP

समर्थकों और प्रशंसकों से मुलाकात के बाद ब्राउन तेज़ी से अपनी कार की ओर गए. जल्दबाज़ी में वह कोट पर लगा वायरलैस माइक हटाना भूल गए. कार में बैठते हुए ब्राउन बड़बड़ाने लगे. उन्होंने सवाल पूछने वाली महिला पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी.

कार के भीतर ब्राउन बड़बड़ाते हुए बोले, ''वह एक अड़ियल किस्म की महिला है.'' माइक लगे होने की वजह से यह बात सबको सुनाई पड़ी. मीडिया ने इसे रिकॉर्ड भी कर लिया और ब्रिटेन के न्यूज़ चैनलों में लगातार ब्राउन की टिप्पणी चलती रही.

बाद में ब्राउन को अपनी ग़लती का एहसास हुआ और वह डफी के घर माफी मांगने भी गए. उन्होंने कहा, "जो हुआ है मैं उस से बहुत शर्मिंदा हूं. मैंने उस महिला से माफ़ी मांगी है. मैं उन की बात ठीक से नहीं समझा पाया था. उन्होंने मेरी माफ़ी स्वीकार की है और माना है की हमारे बीच कुछ गलतफहमी हो गई थी. मैं पापी लेकिन पश्चातापी हूं."

ब्राउन का कहना है कि वह इस बुरे वाकये से उबर आएंगे. गुरुवार को उन्होंने कहा, ''कल की बात छोड़िए. मैं देश के आर्थिक भविष्य पर चर्चा करना चाहता हूं.'' यानी ब्राउन बहस के लिए तैयार हैं, फर्क़ इतना है कि अब जनता उन्हें एक दूसरे नज़रिए से भी देखने लगी है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: उज्ज्वल भट्टाचार्य