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सहवास का अधिकार

महेश झा१० जनवरी २०१५

भारत में अदालत के एक फैसले से कैदियों के दाम्पत्य के अधिकारों को बल मिला है. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा है कि कैदियों को भी प्रजनन का अधिकार है और कृत्रिम गर्भाधान के जरिए प्रजनन जीवन के अधिकार का हिस्सा है.

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तस्वीर: picture-alliance/S. Imran Ali/PPI Images

अपने ऐतिहासिक फैसले में हाईकोर्ट ने कैदियों को शादीशुदा होने की स्थिति में बच्चा चाहने पर अपने पार्टनर के साथ सेक्स का अधिकार दे दिया है. हाईकोर्ट के फैसले में कहा गया है कि सजायाफ्ता कैदियों का पति या पत्नी का जेल में सहवास कृत्रिम गर्भाधान मौलिक अधिकार है. यह फैसला जस्टिस सूर्य कांत ने एक दम्पत्ति की अपील पर सुनाया है जो केंद्रीय जेल पटियाला में बंद हैं. उन्हें एक 16 वर्षीय किशोर के अपहरण और हत्या के मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी. उन्होंने साथ रहने और दाम्पत्य जीवन बहाल करने की अनुमति मांगी थी.

हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि कैदियों को नया जन्म देने का अधिकार है. जज ने कहा कि सहवास के विकल्प के रूप में कैदी कृत्रिम गर्भाधान की सुविधाओं की मांग कर सकते हैं. हाईकोर्ट के अनुसार प्रजनन का अधिकार संविधान की धारा 21 के तहत आता है जो जीवन के अधिकार की गारंटी देती है, लेकिन साथ ही कहा है कि कुछ श्रेणी के कैदियों को राज्य इस अधिकार से वंचित कर सकता है. जस्टिस सूर्य कांत ने कहा कि इस अधिकार का राज्य द्वारा नियमन होना चाहिए क्योंकि यह अधिकार पूर्ण अधिकार नहीं है, बल्कि राज्य के अपराध नियंत्रण के हितों के तहत आता है.

अदालत ने अपील करने वाले दम्पत्ति को उनके अपराधों की गंभीरता को देखते हुए प्रजनन का अधिकार देने से मना कर दिया, लेकिन पंजाब सरकार से जेल सुधार समिति बनाने को कहा है जो बंदियों के लिए पारिवारिक और दाम्पत्य संबंधी मुलाकातों के लिए प्रक्रिया सुझाएगा और सुविधा पाने के लिए कैदियों की श्रेणी तय करेगा. अदालत ने समिति से एक साल के अंदर रिपोर्ट देने और जेल में होने वाले संरचनात्मक परिवर्तन की निगरानी करने के लिए कहा है.

दुनिया के दूसरे देशों में कैदियों को इस तरह के अधिकार हैं. हाल ही में एक डील के तहत अमेरिका द्वारा रिहा किए गए क्यूबाई जासूसों में एक कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से एक बेटी का पिता बना है. अमेरिकी अधिकारियों ने कैलिफोर्निया की जेल में 1998 से बंद हर्नांडेज को अपनी पत्नी को कृत्रिम गर्भाधान के लिए वीर्य भेजने की अनुमति दी थी. उसकी पत्नी आद्रियाना पेरेस को जो करीब 45 साल की है, जेल में पति से मिलने की अनुमति नहीं थी. क्यूबा की कम्युनिस्ट पार्टी के दैनिक ने खबर दी है कि मंगलवार को हर्नांडेज की बेटी गेमा पैदा हुई.